कोटा की मूक-बधिर युवती को अजमेर जीआरपी ने भीलवाड़ा रेलवे स्टेशन पर सुरक्षित उतार लिया। युवती के पिता ने धर्म परिवर्तन कराने का शक जताते हुए उसके इंदौर से दिल्ली ले जाने का शक जाहिर किया था। इसके बाद कोटा पुलिस ने अजमेर जीआरपी को सूचना दी थी।
वहीं युवती को बहला-फुसलाकर ले जाने वाली 2 युवतियों को जीआरपी ने मांडलगढ़ और जयपुर रेलवे स्टेशन पर डिटेन किया। कोटा के रामपुरा थाना सीआई ब्रजबाला ने बताया- युवती ने कोई शिकायत नहीं दी। ऐसे में कोई मामला दर्ज नहीं किया गया।
कोटा के भाटापाड़ा रामपुरा की रहने वाली युवती को भीलवाड़ा रेलवे स्टेशन पर ट्रेन से उतारा गया था। कोटा में पिता महाबल मेहता ने रिपोर्ट दी थी कि उनकी बेटी जन्म से मूक-बधिर है। 19 नवंबर को इंदौर गई थी लेकिन कोटा वापस नहीं लौटी।
तब उसके रामगंजमंडी स्टेशन पर उतरने का पता चला। इसके बाद मोबाइल लोकेशन इंदौर में कन्वेक्शन सेंटर में मिली। इस पर परिजन ने शक जताया कि उसका धर्म परिवर्तन कराने की साजिश रची जा रही है। कुछ लोग बहला-फुसला कर दिल्ली ले जा रहे हैं।
जीआरपी अजमेर क्षेत्र के सभी थाना-चौकी स्टाफ को अलर्ट किया गया। रविवार को इंदौर से सराय रोहिल्ला जाने वाली स्पेशल ट्रेन में युवती मिल गई। बहला-फुसला कर ले जाने के शक में मालवीय नगर जयपुर निवासी खुशबू यादव को मांडलगढ़ रेलवे स्टेशन पर डिटेन किया गया। उसके बयान के आधार पर विजयपथ शिप्रापथ जयपुर निवासी सलोनी जैन को जयपुर रेलवे स्टेशन पर डिटेन किया गया। इसके बाद कोटा पुलिस के सुपुर्द किया गया। पुलिस को पूछताछ में पता चला कि युवती इच्छा से गई थी और कोई शिकायत नहीं दी।
एक साल में 26 बालक-बालिकाओं को भटकने से बचाया
अजमेर जीआरपी थाना पुलिस की सजगता से पिछले एक साल में घर से बगैर बताए निकले 26 लड़का-लड़कियों को संरक्षण में लेकर उनके परिजनों तक पहुंचाया गया है। डीएसपी रामअवतार चौधरी ने बताया कि अजमेर सर्किल के थाने और चौकियों के स्टाफ को इस बारे में निर्देश दिए गए हैं कि बालक-बालिकाओं को चेक किया जाए। इसके तहत एक साल में अजमेर, चित्तौड़गढ़ और फुलेरा थाना क्षेत्रों में 15 लड़कियां और 11 लड़कों को संरक्षण में लेकर चाइल्ड लाइन के हवाले किया गया। इससे ये बच्चे आपराधिक वारदात का शिकार होने से बच गए।
