कोटा के श्रीपुरा इलाके में स्थित एक घर में आग लग गई। महिला रसोई में खाना बना रही थी। इस दौरान अचानक सिलेंडर ने आग पकड़ ली। मां की चीख सुनकर फायरमैन बेटा रसोई में गया। वाइपर की मदद से जलते सिलेंडर को मकान के बाहर लाकर पटका और मां की जान बचाई।
इस जद्दोजहद में बेटे का एक हाथ जल गया। तबीयत बिगड़ने पर और सीने में दर्द होने पर ईसीजी करवाई गई, जिसमें हार्ट में ब्लॉकेज आया। घटना श्रीपुरा इलाके में 18 जून रात सवा 10 बजे के आसपास की है। अब इसका सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है, जिसमें फायरमैन घर की सीढ़ियों से सिलेंडर को लाते नजर आया है।
आगजनी की घटना फोटो में देखिए



मां की आवाज सुनकर दौड़े
फायरमैन शाहनवाज अख्तर ने बताया- उनकी पोस्टिंग बारां में है। वे 18 जून की शाम को कोटा अपने घर आए थे। इस दिन रात को मां रसोई में खाना बना रही थी। पिता, भाई और मैं घर के बाहर ही थे। बाकी सदस्य कमरों में थे।
अचानक मां के चिल्लाने की आवाज सुनाई दी। इस पर मैं रसोई में गया। सिलेंडर पर कपड़ा डालकर आग बुझाने की कोशिश की। इसके बाद भी सिलेंडर से 8-10 फीट लंबी लपटें निकल रही थी। वाइपर के जरिए सिलेंडर को खींचा और दौड़ते हुए उसे मकान के बाहर लाया।
फायरमैन का हाथ झुलसा चीखने चिल्लाने की आवाज से गली में लोगों की भीड़ लग गई। फायरमैन ने गली में जलते सिलेंडर को पटका और बाल्टियों से पानी डालकर आग बुझाने की कोशिश की। कड़ी मशक्कत के बाद आग काबू में हुई। इस जद्दोजहद में भाई शाहनवाज का दाहिना हाथ झुलस गया। उसे एमबीएस हॉस्पिटल लेकर गए। इसके बाद निजी हॉस्पिटल लेकर गए।
डॉक्टर ने ईसीजी की तो हार्ट में प्रॉब्लम बताई। ब्लॉकेज के कारण उसी रात को एक स्टंट डाला गया। 5 दिन आईसीयू में भर्ती रहे। अब शाहनवाज की तबीयत ठीक है। समय रहते सिलेंडर को बाहर नहीं निकालते तो बड़ा हादसा हो सकता था।
