एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स की टीम ने 11 साल से फरार चल रहे एक शातिर बदमाश को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपी शाहिद मेव पर 15 हजार रुपए का इनाम था। वह 11 साल से एक लूट के मामले में फरार चल रहा था।
इस पर टीम ने एजीटीएफ की टीम ने बुधवार को आरोपी को डूंगरपुर जिले के रतनपुर बॉर्डर से गिरफ्तार किया है। एजीटीएफ की टीम ने आरोपी को ड्राइवर बनकर पकड़ा, जो गुजरात भागने की फिराक में था।
फरारी के दौरान शिमला में भी जेल जा चुका था
एडीजी क्राइम दिनेश एमएन ने बताया कि वर्ष 2014 की लूट का यह इनामी आरोपी ओडिशा, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, हैदराबाद और तमिलनाडु जैसे राज्यों में वाहन चला कर फरारी काट रहा था। वह इतना चालाक था कि कभी अपना मोबाइल फोन इस्तेमाल नहीं करता था। बात करने के लिए साथियों का फोन लेता था। फरारी के दौरान वह शिमला में भी एक बार जेल जा चुका था।
इस पर टीम ने अलग-अलग इनपुट पर सूचनाएं शामिल की और आरोपी का लगातार पीछा किया। इसके बाद टीम के सदस्य एएसआई शंकर दयाल शर्मा, हेड कॉन्स्टेबल कमल सिंह कॉन्स्टेबल रतिराम और कॉन्स्टेबल चालक सुरेश कुमार को पता चला कि शाहिद राजस्थान आया हुआ है और गुजरात भागने की फिराक में है। इस पर टीमों को एक्टिव किया गया, जिसके बाद बदमाश को डूंगरपुर के रतनपुर बॉर्डर पर घेर लिया और डिटेन कर लिया। आरोपी के बारे में थाना मांडलगढ़ पुलिस को सूचित किया जा चुका है। 2014 में 20 हजार लूटकर हुआ था फरार 5 दिसंबर 2014 को पीड़ित भंवरलाल धाकड़ ने माण्डलगढ़ स्थित एसबीआई बैंक के एटीएम से 20,000 निकाले थे। तभी दो-तीन युवकों ने उन पर हमला कर रकम लूट ली और फरार हो गए। घटना के तुरंत बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए हरियाणा निवासी एक आरोपी मोबिन उर्फ खुटा मेव को उसी समय होड़ा गांव में गिरफ्तार कर लिया गया था, लेकिन शाहिद मेव और जमशेद मेव फरार होने में कामयाब रहे। भीलवाड़ा एसपी ने इन दोनों फरार आरोपियों पर 15-15 हजार रुपए का इनाम घोषित किया था। शाहिद अलवर में भी लूट के प्रकरण में वांछित है और दूदू में लूट के मामले में गिरफ्तार हो चुका है।
