जयपुर (सुनील शर्मा) संपूर्ण कर्जमाफी के नाम पर कांग्रेस सरकार के छलावे का षिकार हुए पीड़ित किसान आज भाजपा प्रदेष कार्यालय पहुंचे।ये सभी वो किसान थे जिनकी जमीनें नीलाम हो गई,जिनके परिवार के लोगों ने आर्थिक तंगी के चलते आत्महत्या कर ली।इस दौरान किसानों ने मुख्यमंत्री गहलोत पर आरोप लगाते हुए कहा कि सीएम 200 बीघा वाले किसानों को घर बुलाते हैं और गरीब किसान की जमीन नीलाम कर रहे हैं।नीलामी से तंग आकर आत्महत्या करने वाले एक किसान की पत्नी और बच्चों ने किसान मोर्चा प्रदेषाध्यक्ष एंव सांसद भागीरथ चौधरी को रोते हुए अपनी आर्थिक बदहाली की व्यथा सुनाई।कई किसानों के हाथों में जमीन नीलामी के सरकारी नोटिस भी थे,जिसमें नीलामी के आदेष जारी किए गए हैं।इस दौरान किसानों ने नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ को भी अपनी आपबीती सुनाई।
किसानों की पीड़ा सुनने के बाद किसान मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष सांसद भागीरथ चौधरी ने मीडिया से कहा कि 2018 में कांग्रेस सरकार ने झूठे वादे करके किसानों को ठगा है।कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने पिछले विधानसभा चुनावों के समय कहा था कि 10 दिन में किसानों की सम्पूर्ण कर्ज माफ़ी हो जाएगी।आज प्रदेष में लाखो किसान कर्ज से दबे हुए है,जिसमें 19 हजार से ज्यादा किसानों को कुर्की के नोटिस भी दिए गए हैं।किसानों के परिवार में आर्थिक संकट गहराने से किसी के भाई किसी की बहन ने फाँसी लगाकर आत्महत्या कर ली।कर्ज के चलते आज प्रदेष का किसान चैन से सो नहीं पाता।पूरे राजस्थान में किसानों की हालत खराब है,राजस्थान में किसानों को कुछ नहीं मिला।वर्तमान कांग्रेस सरकार पूरे पांच साल अपनी कुर्सी बचाने में लगी रही।आज प्रदेश के अलग-अलग कोनों से किसान अपनी पीड़ा सुनाने प्रदेश कार्यालय में आए हैं, कोई भी ऐसा गांव नहीं है जहाँ कुर्की के नोटिस नहीं आए हों।
नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने किसानों की पीड़ा सुनी और मीडिया से कहा कि मुख्यमंत्री को 2 दिन पहले बड़ी दिक्कत हुई,जब प्रतीकात्मक रूप से किसान के साथ भारतीय जनता पार्टी ने इश्तिहार जारी किया था।जिसमें कहा गया कि 19 हजार 600 किसानों की जमीनें कुर्क हुई हैं।कांग्रेस के लोगों ने उस किसान से जबरदस्ती कहलवाया की मेरी भूमि नीलाम नहीं हुई,जबकि वह महज एक प्रतीकात्मक फोटो थी।हमने तय किया कि मीडिया के माध्यम से जनता को सच पता चले, राजस्थान के अंदर केसीसी के आधार पर राष्ट्रीयकृत बैंकों से जिन किसानों ने लोन लिया था,उसको लेकर विधानसभा के अंदर 1 मार्च 2023 को सरकार ने कहा था कि 3 लाख 49 हजार 297 किसानों का 6 हजार 18 करोड़ 91 लाख रुपये एनपीए हुआ है। वहीं सरकार ने विधानसभा में खुद स्वीकार किया कि 19 हजार 400 किसानों की संपत्ति कुर्क हुई है।
नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि अब गहलोत सरकार अपने आखिरी सत्र में एक संकल्प लेकर आई जिसमें उन्होंने कहा कि जिन किसानों ने राष्ट्रीयकृत बैंकों से कर्ज लिया था उनका वन टाइम सैटेलमेंट करके केंद्र सरकार कर्ज माफ करे।इसका मतलब यह हुआ कि गहलोत सरकार ने झूठ बोलकर इतने लंबे समय तक किसानों को मुगालते में रखा।कांग्रेस सरकार ने कल्ला कमेटी बनाई,जिसमें कहा कि हम वन टाइम सेटलमेंट करके राष्ट्रीयकृत बैंक,कॉपरेटिव बैंक ग्रामीण बैंको से केसीसी के आधार पर लिए गए ऋण को माफ करेंगे।जिसका परिणाम यह है कि आज राजस्थान के अंदर 12 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का ऋण जो कि अवधिपार है,जिसमें 1 लाख से ज्यादा किसानों के खाते को एनपीए करके कुर्की के नोटिस जारी हुए है। मुख्यमंत्री जी अपने आप को स्टार दे रहें है कि उन्होंने ऋण राहत आयोग बना दिया,ये राहत किसको मिल रही है,ये आपके सामने है।एक प्रतीकात्मक फोटो वाले किसान से कहलवा दिया कि मेरे ऊपर कोई कर्ज नहीं,ये कर्ज आज किसानों को तकलीफ दे रहा है,मैं दावे के साथ कह सकता हूँ कि 1 लाख 27 हजार किसानों के हाथ में कुर्की के नोटिस है, ये असली सच है,जो तस्वीर हमने आपके सामने प्रस्तुत की है।
प्रेसवार्ता के दौरान प्रदेश मीडिया संयोजक प्रमोद वशिष्ठ,प्रदेष प्रवक्ता लक्ष्मीकांत भारद्वाज और पीड़ित किसान मौजूद रहे।
