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फिर से चर्चा में जघीना हत्याकांड:भारी सुरक्षा के बीच पिता का दाह संस्कार, जंजीर से बंधे बेटे ने की रस्में

भरतपुर का बहुचर्चित जघीना हत्याकांड एक बार फिर से सुर्खियों में है। जमीन के विवाद में एक ही गांव के 2 परिवारों में रंजिश इतनी बढ़ी कि दोनों ने एक-दूसरे को गोलियां से भून दिया। दोनों परिवारों के बीच अभी तक रंजिश बरकरार है।

कृपाल जघीना के बेटे और भाई समेत परिवार के सभी पुरुष कुलदीप की हत्या के आरोप में अजमेर की हाई सिक्योरिटी जेल में सजा काट रहे हैं। 22 नवंबर को कृपाल के पिता रामभरोसी सोगरवाल का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया।

अब परिवार में सिर्फ कृपाल की पत्नी, उसकी बेटियां और भाइयों की पत्नी हैं।

अंतिम संस्कार के लिए रामभरोसे का शव आरबीएम अस्पताल की मॉर्च्युरी से एंबुलेंस से दोपहर 1 बजे जघीना गांव लाया गया। शव को जघीना गांव के चारथोक इलाके में स्थित कृपाल के घर लाकर रखा गया। इस दौरान कृपाल के घर और गांव में भारी पुलिस जाप्ता तैनात रहा।

इसके आधे घंटे बाद दोपहर 1.30 बजे पुलिस वाहन में मृतक के बेटे रविंद्र को जघीना में उसके घर पर लाया गया। इस दौरान पुलिस ने उसको चारों तरफ से घेरे रखा। जाप्ते में सीओ आकांक्षा चौधरी, DST टीम, QRT टीम के जवान हैं।

परिवार की ओर से वैर (भरतपुर) कोर्ट में बेटे रविंद्र को पिता के दाह संस्कार में शामिल होने के लिए पैरोल मांगी गई थी, जिसे सोमवार को वैर कोर्ट ने स्वीकार कर लिया।

कोर्ट ने कृपाल के भाई रविंद्र को एक दिन की पैरोल स्वीकार की, जिसके तहत वो अपने पिता रामभरोसी सोगरवाल को मुखाग्नि देने के लिए भरतपुर में पैतृक गांव जघीना पहुंचा। वो अजमेर हाई सिक्योरिटी जेल से सुबह 11 बजे पैरोल पर बाहर निकला। उसे पुलिस सुरक्षा में जघीना लाया गया।

रामभरोसी सोगरवाल की बॉडी आरबीएम हॉस्पिटल भरतपुर की मॉर्च्युरी में थी। दोपहर 12.30 बजे बॉडी परिजनों को सौंपी गई। इसके बाद पुलिस सुरक्षा में बॉडी को जघीना लाया गया।

4 सितंबर 2022 को कृपाल की हुई थी हत्या

4 सितंबर 2022 को रात के करीब 10.45 बज रहे थे। भरतपुर में जघीना गेट के पास क्रेटा गाड़ी में जा रहे कृपाल को 3 बाइकों पर आए 6 लोगों और एक क्रेटा कार में आए 3 बदमाशों ने घेर लिया। कृपाल की गाड़ी पर 14 राउंड फायर किए। गाड़ी की बॉडी को छेदते हुए तीन गोलियां पार हुई और कृपाल के गले, छाती और पेट में जा लगी। कार पूरी तरह से खून से सन चुकी थी और कृपाल की मौके पर ही मौत हो गई। इसका आरोप कुलदीप पर लगाया गया।

पुलिस सुरक्षा में आरोपी को मार डाला था

आरोप है कि इसके ठीक 10 महीने बाद कृपाल की हत्या का बदला लेने के लिए कृपाल के बेटे, भाई और भतीजे ने पेशी के दौरान कुलदीप की हत्या कर दी थी। 12 जुलाई 2023 को कुलदीप और उसके साथी को रोडवेज बस में जयपुर से भरतपुर कोर्ट में पेशी पर लाया जा रहा था। इस दौरान अमोली टोल प्लाजा (भरतपुर) पर कुलदीप पर अंधाधुंध फायरिंग की गई थी, जिसमें उसकी मौत हो गई थी।

25 करोड़ की जमीन बनी दुश्मनी का कारण

भरतपुर में यह चर्चा आम है कि एक जमीन के सौदे से इस दुश्मनी की शुरुआत हुई। ये जमीन भरतपुर में काली बगीची के पास खादी कॉलोनी में है। जानकार बताते हैं कि इस जमीन का कुलदीप ने बहुत सस्ते भाव करीब 4 करोड़ में सौदा कर लिया था। असल में इसकी कीमत 25 करोड़ से भी ज्यादा थी। दोनों पार्टियों के बीच में एग्रीमेंट भी साइन हो गया था। कुलदीप ने एग्रीमेंट होने पर जमीन की बाउंड्री भी करा ली थी। इस डील को लेकर कुलदीप काफी खुश भी था।

इसी बीच शेरा पहलवान ने इस डील में एंट्री मारी। शेरा कृपाल के साथ मिलकर ही विवादित जमीनों को खरीदने-बेचने का काम करता था। उसकी और कृपाल की भी इस प्रॉपर्टी पर नजर थी, लेकिन ये मौका उसके हाथ से निकल गया। शेरा ने इसकी जानकारी कृपाल को दी। तब दोनों ने एक किसान के साथ मिलकर कोर्ट से जमीन पर स्टे ले लिया था।

स्टे लगने पर कुलदीप के करोडों रुपए जमीन में फंस गए थे। वह जमीन पर कोई काम नहीं करवा सकता था। कुलदीप अपने रुपए फंसने से परेशान हो गया था। दोनों के बीच में जमीन को लेकर विवाद बढ़ने लगा था। कुलदीप को लगा था कि शेरा के जरिए कृपाल ही उसे नुकसान करवा रहा है। कुलदीप गुट के पवन नाम के शख्स से भी उसका झगड़ा हो चुका था।

आज होगा पिता का दाह संस्कार

कृपाल की बड़ी बेटी उपासना ने बताया- उनके दादा रामभरोसी सोगरवाल (68) 22 अक्टूबर से बीमार थे। उनका इलाज चल रहा था। 22 नवम्बर देर शाम 7 बजे उनका निधन हो गया, लेकिन घर में कोई भी पुरुष दाह संस्कार करने वाला नहीं है। इसलिए उनका शव आरबीएम अस्पताल की मॉर्च्युरी में रखवा दिया गया है। गांव के कुलदीप की हत्या के आरोप में उनके चाचा रविंद्र सिंह और सत्यवीर सिंह सहित उनके दोनों भाई पंकज और आदित्य जेल में हैं। घर में सिर्फ कृपाल की पत्नी उनकी मां विमला देवी और दोनों चाचियां हैं।

उपासना ने बताया- वैर कोर्ट में चाचा रविंद्र के पैरोल के लिए अर्जी लगाई थी, जिसे स्वीकार कर लिया है। मंगलवार को दादा का दाह संस्कार होगा। पैरोल की पुष्टि अजमेर जेल अधीक्षक ने भी की है।

रामभरोसी सोगरवाल के 3 बेटे कृपाल, रविंद्र और सत्यवीर में से अब 2 रविंद्र व सत्यवीर अजमेर जेल में बंद हैं। कृपाल का बेटा आदित्य और रविंद्र का बेटा पंकज सोगरवाल भी जेल में हैं। कृपाल के भाई रविंद्र को पैरोल मिली है, जो अपने पिता रामभरोसी सोगरवाल का दाह संस्कार करेगा।

इधर, रविंद्र के पैरोल पर बाहर आने से प्रशासन अलर्ट हो गया है और कृपाल के घर के बाहर आरएएसी जवानों की तैनाती बढ़ा दी गई है। साथ ही वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी करने पर पाबंदी लगा दी गई है।

Kashish Bohra
Author: Kashish Bohra

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