परिवहन विभाग की आरटीओ प्रथम टीम ने ऑपरेशन वज्र के तहत सिटी बस परमिट पर चल रही फैक्ट्री बसों पर बड़ी कार्रवाई की है। कार्रवाई के दौरान दो बसों को मौके पर सीज किया गया, जबकि करीब 20 बसों के चालान बनाए गए।
आरटीओ राजेंद्र सिंह शेखावत ने बताया- ये बसें सिटी बस के नाम पर सरकार को सिर्फ 4,250 रुपए सालाना टैक्स देती हैं, जबकि कॉमर्शियल उपयोग में होने के कारण इन्हें 6,000 से 10,000 रुपए मासिक टैक्स देना चाहिए। इससे सरकार को करोड़ों रुपए के राजस्व का नुकसान हो रहा था। शहर में करीब 1,000 ऐसी बसें चल रही हैं, जो सिटी बस के परमिट पर फैक्ट्रियों और कंपनियों के कर्मचारियों को ढो रही हैं। ये बसें सालाना 70,000 से 1 लाख रुपए टैक्स बचाती हैं, जिससे सरकार को करोड़ों रुपए के राजस्व का नुकसान हो रहा है। अब ऐसी कर चोरी को रोकने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है।
डीटीओ सौम्या शर्मा के नेतृत्व में हुई कार्रवाई
आरटीओ प्रथम की कार्रवाई डीटीओ सौम्या शर्मा की अगुआई में हुई, जिसमें एमवीआई शैलेंद्र सिंह और देवेंद्र सिंह की टीमों ने ऑपरेशन को अंजाम दिया। अधिकारियों के मुताबिक, इस तरह की बसों के खिलाफ अभियान लगातार जारी रहेगा, ताकि टैक्स चोरी को पूरी तरह रोका जा सके।
