राजस्थान में मानसून आने में अब 10 दिन का ही समय बचा है। जयपुर में सबसे ज्यादा परेशानी वॉटर लॉकिंग (जलभराव) की रहती है। इस कारण हर साल मानसून सीजन में दुर्घटना होती है। ऐसे में प्रशासन के लिए सबसे जरूरी काम शहर में बने ड्रेनेज सिस्टम (नालियों, नालों और सीवर चैंबर) की सफाई करवाना रहता है। ये काम इस बार समय पर हो गया। जयपुर नगर निगम ग्रेटर की बात करें तो यहां 98 फीसदी नालों की सफाई की जा चुकी है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक जयपुर नगर निगम ग्रेटर एरिया में 650 नाले है, जिनकी सफाई का काम इस बार फरवरी-मार्च से शुरू करवाया गया था। निगम अधिकारियों का कहना है कि इस बार इन नालों की दो बार सफाई करवाई गई है। पहले चरण की सफाई का काम मिड अप्रैल तक पूरा करवाया गया था, जबकि दूसरे चरण में काम जारी है और 98 फीसदी नाले पूरी तरह साफ हो चुके है।
मालवीय नगर एरिया में सर्वाधिक नाले
रिपोर्ट के मुताबिक जयपुर नगर निगम ग्रेटर एरिया में बने मालवीय नगर जोन में सर्वाधिक 211 नाले है, जिनमें से 209 की सफाई का काम पूरा हो चुका है, जबकि 2 में काम चल रहा है। इसके बाद सांगानेर में है, जहां 100 नालों में से 98 नाले साफ हो चुके हैं। 2 में सफाई का काम चल रहा है।
इसी तरह विद्याधर नगर जोन एरिया में 89 में से 80 नालों की सफाई का काम पूरा हो चुका है, जबकि 3 में काम चल रहा है। यहां 6 ऐसे नाले चिह्नित किए है, जिनमें सफाई करवाना जरूरी नहीं बताया है। जगतपुरा जोन एरिया में 68 में से 63 नालों की सफाई का काम पूरा हो चुका है, जबकि 5 में काम चल रहा है।
इनके अलावा मुरलीपुरा जोन एरिया में 55 में से 52 नालों की सफाई का काम पूरा हो गया। झोटवाड़ा जोन एरिया में 60 में से 55 नाले और मानसरोवर जोन एरिया के 67 में से 61 नालों को साफ किया जा चुका है।
