जयपुर सुनील शर्मा राजस्थान के एसएमएस अस्पताल की मोर्चरी पर दिवंगत डॉ.राकेश बिश्नोई के परिजनों और साथियों द्वारा दिए जा रहे धरने में नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल पहुंचे।साथ ही बेनीवाल ने शोक संतप्त परिजनों से मुलाकात कर उन्हें हरसंभव न्याय दिलाने का भरोसा दिया और इस आत्महत्या प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए तुरंत उच्चस्तरीय जांच की मांग की।
बेनीवाल ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि यह कोई साधारण मामला नहीं है,बल्कि चिकित्सा शिक्षा संस्थानों में व्याप्त शोषण,मानसिक उत्पीड़न और अकादमिक दबाव की एक भयावह तस्वीर है।साथ ही बेनीवाल ने कहा कि PG कर रहे एक प्रतिभाशाली युवा डॉक्टर को इस कदर मजबूर कर देना कि वह अपनी जान दे दे यह पूरे चिकित्सा तंत्र पर सवाल खड़े करता है।
मीडिया से बात करते हुए बेनीवाल ने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में प्रदेश की चिकित्सा व्यवस्था दम तोड़ रही है,जहां एक होनहार डॉक्टर को अपने विभागाध्यक्ष के उत्पीड़न के कारण आत्महत्या करनी पड़ी।साथ ही बेनीवाल ने कहा कि राज्य सरकार केवल दिखावटी बयानबाज़ी कर रही है,जबकि जमीनी स्तर पर शोषण और मनमानी जारी है।यह घटना इस बात का जीता-जागता प्रमाण है कि मुख्यमंत्री और उनकी टीम मेडिकल कॉलेजों में हो रहे अत्याचारों से या तो बेखबर है या जानबूझकर आंखें मूंदे बैठी है।
सांसद हनुमान बेनीवाल ने रखी प्रमुख मांगें
1.इस पूरे मामले की न्यायिक या उच्चस्तरीय स्वतंत्र एजेंसी से जांच करवाई जाए।
2.जिस विभागाध्यक्ष पर मृतक डॉक्टर ने प्रताड़ना के आरोप लगाए उसे गिरफ्तार किया जाए
3.चिकित्सा शिक्षा विभाग में शोषण और उत्पीड़न की रोकथाम हेतु सख्त नीतिगत बदलाव लाए जाएं।
4.मृतक डॉक्टर के परिवार को आर्थिक सहायता और एक परिजन को सरकारी नौकरी दी जाए।
5.डॉक्टरों और मेडिकल छात्रों के लिए मानसिक स्वास्थ्य सहायता प्रणाली को अनिवार्य किया जाए।
