भारतीय सेना की 17वीं बटालियन राजपुताना राइफल्स की स्थापना के अवसर पर आयोजित समारोह में राजस्थान की उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने विशेष रूप से शिरकत की। समारोह में उन्होंने शहीद जवानों की वीरांगनाओं को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया और देश सेवा में उनके अपार योगदान को नमन किया।
दिया कुमारी ने कहा, “वीरांगनाएं हमारी संस्कृति और बलिदान की जीवंत प्रतिमूर्ति हैं। उनके त्याग और धैर्य को सम्मान देना सिर्फ परंपरा नहीं, हमारा राष्ट्रीय कर्तव्य है।”
कार्यक्रम में 1948 में जम्मू-कश्मीर के “लेड़ी गली” क्षेत्र की लड़ाई में में प्राप्त ऐतिहासिक विजय को भी याद किया गया। गौरतलब है कि 17वीं बटालियन हर साल 27 से 29 जून को यह आयोजन करती है जिसमें “लेडी गली” की लड़ाई की विजय को सेलिब्रेट किया जाता है। यह लड़ाई भारतीय सेना के शौर्य और पराक्रम की मिसाल रही है, जहां वीर जवानों ने कठिन परिस्थितियों में दुश्मनों को पराजित किया था।
इस अवसर पर जयपुर राज्य के तत्कालीन महाराजा सवाई मानसिंह द्वितीय के योगदान को भी सम्मानपूर्वक स्मरण किया गया। उन्होंने 1 सितंबर 1934 को सवाई मानसिंह गार्ड की स्थापना की थी, जिसे बाद में ‘सवाई निशान’ प्रदान किया गया और स्वयं वे इसके पहले Colonel और Commanding Officer भी रहे। देश की सेवा और संगठन के अनुशासन की भावना को बढ़ावा देने के लिए उनका यह योगदान उल्लेखनीय रहा है।
विशेष उल्लेखनीय है कि 1951 में इसी सवाई मानसिंह गार्ड को भारतीय सेना में सम्मिलित कर 17वीं बटालियन के रूप में शामिल किया गया, जो आज भी देश की सीमाओं पर पराक्रम और अनुशासन का प्रतीक बनी हुई है।
उपमुख्यमंत्री ने कहा, “यह बटालियन न केवल युद्धभूमि में बल्कि खेल के मैदानों में भी कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पदक जीत चुकी है। यह गर्व का विषय है कि राजस्थान की धरती से जुड़ी यह बटालियन भारतीय सेना की सबसे गौरवशाली रेजिमेंट्स में से एक है।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सैन्य शक्ति और राष्ट्रीय गौरव को लेकर जो सशक्त सोच विकसित हुई है, उसका भी उल्लेख करते हुए दिया कुमारी ने कहा कि “आज भारत न केवल वीरों को सम्मान दे रहा है, बल्कि दुनियाभर में अपनी ताकत और एकता का परिचय भी दे रहा है।”
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि मैं भी एक सैनिक की पुत्री हूं और मेरा हमेशा ही प्रयास रहता है कि मैं सैनिक और वीरांगनाओं के हितों के लिए हर संभव प्रयास करूं।
समारोह में सेना के अधिकारी, पूर्व सैनिक, जनप्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित रहे।
अंत में दिया कुमारी ने सभी से अपील की कि “हम सभी को सैनिकों, शहीदों और वीरांगनाओं के योगदान को याद रखते हुए उनके कल्याण के लिए हरसंभव प्रयास करने चाहिए।”
