प्रदेश में निकाय चुनाव से पहले भजनलाल सरकार ने बड़ी राजनीतिक नियुक्ति की है। बीजेपी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष और पूर्व कैबिनेट मंत्री अरुण चतुर्वेदी को राज्य वित्त आयोग का अध्यक्ष बनाया है।
वहीं रिटायर्ड IAS अफसर नरेश ठकराल को सदस्य बनाया गया है। उनका कार्यकाल डेढ़ साल के लिए रहेगा।

चतुर्वेदी बोले- निकायों को आत्मनिर्भर बनाऊंगा वित्त आयोग के अध्यक्ष बनने के बाद अरुण चतुर्वेदी ने दैनिक भास्कर डिजिटल से खास बातचीत की। चतुर्वेदी ने कहा- राज्य वित्त आयोग में अध्यक्ष का पद काफी जिम्मेदारीपूर्ण और चुनौतीपूर्ण होता है।
राजस्थान में सभी नगर निकाय और पंचायती राज का आकलन किया जाता है, उनके फाइनेंशियल रिसोर्सेज का आकलन किया जाता है। साथ ही सभी टैक्स (कर) का सुनियोजित ढंग से डिवीजन डिस्ट्रीब्यूशन करने की रिपोर्ट वित्त आयोग ही तैयार करता है।
ऐस में राजस्थान में कर का ढांचा, टोल टैक्स इन सबके बारे में सरकार को राय देने का काम वित्त आयोग करता है। यह बड़ा चुनौतीपूर्ण काम है, जिसे मैं पूरी ईमानदारी से निभाऊंगा।
जिस प्रकार की चुनौती आर्थिक दृष्टि से निकायों के पास है। मैं चेयरपर्सन होने के नाते पूरी कोशिश करूंगा कि सरकार को सही रिपोर्ट पेश करूं। मैं चाहता हूं कि पंचायती राज और निकाय सेल्फ डिपेंडेंट बने, उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में ही काम करूंगा।
पार्टी टिकट देने का काम करती है विधानसभा और लोकसभा चुनाव में टिकट नहीं देने पर क्या पार्टी ने आपको किसी राजनीतिक नियुक्ति का आश्वासन दिया था? इस पर चतुर्वेदी ने कहा- इस तरह की परंपरा भाजपा में नहीं है। टिकट नहीं देने का नहीं बल्कि टिकट देने का काम पार्टी करती है।
उन्होंने कहा- विधानसभा और लोकसभा चुनाव में पार्टी ने जिसे ठीक समझा, उसे मौका दिया है। काम करना एक कार्यकर्ता का दायित्व है। मैंने तब भी उसे पूरी मेहनत से निभाया। अब भी पार्टी ने जो मुझे दायित्व दिया है, उसे निभाने की कोशिश करूंगा। हम शहरों और निकाय तक मोदी जी के सपने को साकार करने के लिए भजनलाल जी के नेतृत्व में काम करेंगे।
चतुर्वेदी ने कहा कि सरकार लगातार संगठन के साथ मिलकर प्रदेश में सियासी नियुक्तियों की प्रक्रिया में है। जल्दी-जल्दी जैसे-जैसे नियुक्तियां होती रहेंगी, सभी के सामने नाम आते रहेंगे।
उन्होंने कहा- वित्त आयोग के ढांचे को और मजबूत करते हुए नगर निकाय और पंचायती राज के विकास के लिए उनकी आय बढ़ाने के लिए काम करना मेरी पहली प्राथमिकता रहेगी।
