मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की सुरक्षा में चूक का बड़ा मामला सामने आया है। जयपुर से फलोदी जा रहे सीएम का चार्टर विमान पायलटों ने नियत स्थान से 5 किलोमीटर दूर उतार दिया। घटना 31 जुलाई की दोपहर 1:18 बजे की है। फिलहाल, दोनों पायलटों को हटा दिया गया है और डीजीसीए ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
इधर, संबंधित कंपनी का कहना है कि दोनों स्ट्रिप एक जैसी दिखाई दी, इसलिए ऐसी चूक हुई है। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा फॉल्कन-2000 चार्टर विमान से जयपुर से फलोदी गए थे। विमान को फलोदी एयरफोर्स स्टेशन पर उतरना था, लेकिन पायलटों ने विमान को सिविल एयर स्ट्रिप पर उतार दिया। उतारे जाने के बाद अहसास हुआ कि गलती हुई है। उन्होंने विमान को फिर उड़ाया और करीब 5 किमी दूर स्थित फलोदी एयरफोर्स बेस पर लेकर गए।
कंपनी ने कहा- एक जैसी स्ट्रिप थी इसलिए चूक
राज्य के सिविल एविएशन बेड़े में वर्तमान में एक भी विमान नहीं हैं। पूर्व में मौजूद हेलिकॉप्टर दुर्घटना के कारण क्षतिग्रस्त हो गया था। विमान भी पुराने हो चुके थे, जिन्हें बेच दिया गया। कई बार प्रक्रिया शुरू होने के बावजूद खरीद को अंजाम नहीं दिया जा सका। ऐसे में सरकार उड़ान के लिए प्राइवेट कंपनियों से विमान व हेलिकॉप्टर किराए पर लेती है। इस यात्रा के लिए भी निजी कंपनी का चार्टर विमान आया था। यात्रा के बाद चार्टर कंपनी की ही रिपोर्ट से गलत एयरपोर्ट पर लैंडिंग का खुलासा हुआ।
कंपनी का तर्क है कि इस चूक की वजह दोनों एयरस्ट्रिप की एक समान स्थिति है। दोनों एयरस्ट्रिप की रनवे दिशा, दृश्य विशेषताएं और भौगोलिक स्थिति मिलती-जुलती हैं, जिसके चलते पायलटों को भ्रम हुआ। चूंकि इस घटना को मुख्यमंत्री की सुरक्षा में चूक माना गया है। ऐसे में दोनों पायलटों को ग्राउंडेड कर दिया गया है। वहीं डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) ने जांच शुरू कर दी है।
दूसरी कंपनी के विमान से कर रहे यात्रा
सूत्रों ने बताया कि सीएम जिस कंपनी के विमान से अमूमन यात्रा करते हैं, उसे कंपनी ने पीरियोडिकल मेंटीनेंस के लिए दुबई भेजा है। ऐसे में सरकार अन्य कंपनी का विमान उपयोग कर रही है। यह भी जानकारी सामने आ रही है कि कंपनी सीएम के अलग-अलग दौरों के लिए बदल-बदल कर विमान भेज रही है। सुरक्षा के लिहाज से यह भी गंभीर है।
