राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) के चार साल बाद आरएएस पदमा देवी की मैरिट कम करने पर हाईकोर्ट ने जवाब मांगा है। जस्टिस मनीष शर्मा की अदालत ने यह आदेश आरएएस पदमा देवी की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता हिमांशु ठोलिया ने कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ता ने आरएएस-2018 की भर्ती में मैरिट में 24वां स्थान प्राप्त किया था। आरपीएससी की ओर से नंबर कम होने के बाद उनकी रैंकिंग भी 24वीं से 39वीं हो गई। इसके लिए 4 साल बाद आरपीएससी ने उसे एक मई को नोटिस भेजकर कहा कि उसे उत्तर पुस्तिका में एक प्रश्न पर परीक्षक ने एक जगह जीरो और एक जगह सात अंक दिए हैं। जिसका वह स्पष्टीकरण पेश करें।
आरएएस ने कहा- अंकों के मामले में वह जिम्मेदार नहीं
इस मामले में प्रार्थिया ने कहा कि परीक्षक के अंकों के मामले में वह जिम्मेदार नहीं हैं। लेकिन आरपीएससी ने 10 जून को उसकी मैरिट बदलते हुए 24 से 39ए कर दी। जिससे वह अपने ही बैच के 14 आरएएस अफसरों से जूनियर हो गई जबकि प्रोबेशन पीरियड पूरा होने के बाद परमानेंट भी कर दिया गया है। अभी वह लाडनूं में एसडीएम के पद पर तैनात है। उन्होंने बताया कि हमने कोर्ट से कहा कि नियमानुसार अंकों की पुन गणना हो सकती है, लेकिन उत्तर पुस्तिका की पुन जांच नहीं की जा सकती हैं।

13 जुलाई 2021 को घोषित हुआ था रिजल्ट
आदेशानुसार आयोग ने आरएएस प्रतियोगी परीक्षा-2018 का अंतिम परिणाम 13 जुलाई 2021 को घोषित किया था। इस परिणाम में नॉन टीएसपी क्षेत्र की संयुक्त वरीयता सूची में मेरिट क्रमांक-24 पर रोल नंबर 810581 को सफल घोषित किया गया था। आयोग ने संशोधित आदेश जारी किया और बताया कि मुख्य परीक्षा के संशोधित प्राप्तांकों के आधार पर विचारित किए जाने के बाद इस अभ्यर्थी को अब मेरिट क्रमांक 39-ए पर रखा गया है। अभ्यर्थी की पूर्व में आवंटित मेरिट क्रमांक 24 को विलोपित कर दिया गया है।
बिना लिखे भी 7 नंबर दे दिए थे कॉपी जांचने वाले ने
पदमा चौधरी ने RAS मेंस के चौथे पेपर में अंग्रेजी के प्रश्न संख्या 34 का उत्तर भी नहीं लिखा था। फिर भी उसमें मूल्यांकनकर्ता ने पहले तो शून्य लेकिन उसके बाद 7 नंबर दे दिए, जिससे उनकी रैंक 24 हो गई। चौधरी की उत्तर पुस्तिका सार्वजनिक हो गई और प्रदेश भर में हंगामा हो गया था। मामले की गंभीरता को देखते हुए आयोग ने चौधरी की उत्तर पुस्तिकाओं का पुनः मूल्यांकन कराया जिसमें गलती पकड़ी गई। आयोग ने मूल्यांकनकर्ता को नोटिस दिया था।
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