राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अपने 44 संगठनात्मक जिलों में से 27 जिला अध्यक्ष बना दिए हैं। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का गृह जिला भरतपुर भी इसमें शामिल है।
जिला अध्यक्षों के चयन में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व अमित शाह के करीबी पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ओम माथुर सहित दो जिलों में वसुंधरा राजे खेमे की पसंद भी शामिल है।
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) के सुझाव मानने के साथ-साथ सभी समीकरण का भी पूरा ख्याल रखा गया है। सबसे ज्यादा ब्राह्मण-वैश्य और ओबीसी चेहरों पर फोकस किया है। 27 में सबसे ज्यादा संख्या जनरल-ओबीसी वर्ग की 22 है। कुल 3 महिलाओं को जगह दी गई है, लेकिन आदिवासी चेहरा एक भी नहीं है।
कौन-कौन से जिला अध्यक्ष RSS से जुड़े हुए हैं? जिला अध्यक्ष बनवाने में किसकी चली या कौन किसकी पसंद है? कहां जातिगत समीकरणों का ध्यान रखा गया है?
मंडे स्पेशल रिपोर्ट में पढ़िए- ऐसे ही सवालों के जवाब
RSS की भरपूर चली, प्रशिक्षण लेने वालों पर फोकस अब तक घोषित जिला अध्यक्षों में RSS से जुड़े स्थानीय नेताओं का बोलबाला है। 27 में से 19 जिला अध्यक्ष RSS से जुड़े हुए रहे हैं। इनमें एक महिला डॉ. रक्षा भंडारी भी शामिल हैं, जो सिरोही जिला अध्यक्ष बनी हैं।
ये जिला अध्यक्ष भी संघ से जुड़े अलवर दक्षिण के अशोक गुप्ता, अजमेर देहात के जीत मल प्रजापत, नागौर शहर के रामधन पोटलिया, बाड़मेर के अनंत राम बिश्नोई, बीकानेर देहात के श्याम पंचारिया, श्रीगंगानगर के शरणपाल सिंह मान, जोधपुर शहर के राजेंद्र पालीवाल, उदयपुर देहात के जिला अध्यक्ष पुष्कर तेली, जैसलमेर के दलपत हिंगड़ा, पाली के सुनील भंडारी, सीकर के मनोज बाटड़, बांसवाड़ा के पूंजीलाल गायरी, जालोर के जसराज राजपुरोहित, राजसमंद के जगदीश पालीवाल, उदयपुर शहर के गजपाल सिंह राठौड़ संघ से प्रशिक्षित हैं।
जनरल के 13, OBC 9, आदिवासी-0, अल्पसंख्यक-1 बीजेपी जिला अध्यक्ष के चयन में जातिगत समीकरण देखें तो सामान्य और ओबीसी वर्ग को सबसे ज्यादा साधने का प्रयास किया है। केवल सामान्य और ओबीसी वर्ग से 22 चेहरे शामिल किए गए हैं। किसी भी जिले में कोई आदिवासी चेहरा (एसटी) नहीं है। अल्पसंख्यक समाज से देखें तो सिखों में एकमात्र श्रीगंगानगर में शरणपाल सिंह मान का नाम है। मुस्लिम समाज से एक भी चेहरा शामिल नहीं है। इसमें आदिवासी भी कोई नहीं है।
घोषित 27 जिला अध्यक्षों में सामान्य वर्ग से सबसे अधिक 13 जिला अध्यक्षों को चुना गया है। इनमें 6 वैश्य, 4 ब्राह्मण, 2 राजपूत और 1 सोनी समाज से हैं। जाट समाज के 3, बिश्नोई- 2 और 1-1 जांगिड़, तेली, प्रजापत व जट सिख सहित OBC वर्ग के 9 जिला अध्यक्ष हैं। गुर्जर समाज से 2 जिला अध्यक्ष सहित 3 एमबीसी और एससी से 2 जिला अध्यक्ष शामिल किए गए हैं।
बड़ा पद छोड़ बहू ने सास की जगह ली, महिलाएं कम महिलाओं की संख्या मात्र 3 है, जो तकरीबन 10 फीसदी है। इनमें सिरोही की जिला अध्यक्ष डॉ. रक्षा भंडारी, भरतपुर की शिवानी दायमा और नागौर देहात की जिला अध्यक्ष सुनीता माहेश्वरी शामिल हैं।
महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष के पद पर रहीं डॉ. रक्षा भंडारी अब सिरोही जिला अध्यक्ष बन गई हैं। इससे पहले सिरोही की जिला अध्यक्ष पद पर उनकी सास थीं।
नागौर देहात की जिला अध्यक्ष सुनीता माहेश्वरी (रांदड़) दूसरी बार जिला अध्यक्ष पद पर चुनी गई हैं।
तीनों महिला अध्यक्षों में सबसे अधिक शिक्षित डॉ. रक्षा भंडारी हैं, जिन्होंने पीएच.डी. एवं एलएलबी की हुई हैं। नागौर देहात सुनीता माहेश्वरी हैं, जिन्होंने एलएलबी किया हुआ है।
50 साल से कम के 14, सबसे युवा 32 के बीजेपी जिला अध्यक्षों में 50 साल से कम उम्र के 14 और 50 या इससे अधिक उम्र के 13 जिला अध्यक्ष चुने गए हैं। इनमें सबसे युवा उदयपुर देहात के जिला अध्यक्ष पुष्कर तेली हैं, जिनकी उम्र 32 वर्ष है।
अलवर दक्षिण के जिला अध्यक्ष अशोक गुप्ता और अजमेर देहात के जिला अध्यक्ष सबसे उम्रदराज (60 वर्ष) हैं। उम्रदराज दोनों जिला अध्यक्षों में से अशोक गुप्ता लगातार दूसरी बार जिला अध्यक्ष बने हैं।
केंद्रीय मंत्रियों, मंत्रियों, सांसदों के समर्थकों को पद राजस्थान में बने 27 प्रदेश अध्यक्षों में लगभग सभी स्थानीय बड़े नेताओं के समर्थकों को जिला अध्यक्ष बनाकर साधने का प्रयास किया गया है। इस कारण किसी तरह का कोई बड़ा विवाद सामने नहीं आया है।
नए जिलाध्यक्षों में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, मेवाड़ के बड़े नेता व पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया, केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल, गजेंद्र सिंह शेखावत एवं भूपेंद्र यादव और पूर्व केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी एवं निहाल चंद मेघवाल जैसे नेता के करीबी भी शामिल हैं।
विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी, जवाहर सिंह बेढम सहित अन्य मंत्रियों, सांसदों, विधायकों, दो बार मुख्यमंत्री रहीं वसुंधरा राजे, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व अमित शाह के नजदीकी माने जाने वाले पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ओम माथुर, सतीश पूनिया, पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ और पूर्व संगठन महामंत्री चंद्रशेखर के समर्थक खेमे के जिला अध्यक्ष भी चुने गए हैं।
