ACB स्पेशल यूनिट उदयपुर की टीम ने मंगलवार को कार्रवाई करते हुए प्रतापनगर थाने के एएसआई राजेश कुमार मीणा को 10 हजार रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। ACB के महानिदेशक डॉ. रवि प्रकाश मेहरड़ा ने बताया कि उदयपुर ACB स्पेशल यूनिट को 26 अप्रैल 2025 को शिकायत मिली थी।
शिकायत में परिवादी ने बताया था कि एक दर्ज मामले में नाम हटाने की एवज में प्रतापनगर थाने के एएसआई की ओर से रिश्वत के लिए दबाव बनाया जा रहा है।
परिवादी को फर्जी फंसाने को लेकर मांग रहा था रिश्वत जानकारी अनुसार- प्रतापनगर थाने में अपहरण मारपीट का एक मामला दर्ज है, जिसकी जांच एएसआई राजेश मीणा कर रहा था। मीणा ने मामले में तीन आरोपी युवकों को गिरफ्तार किया था। साथ ही इनकी कार भी जब्त करने का प्रयास कर रहा था। इन आरोपी युवकों को पता था कि परिवादी के पास वर्ना कार है और अच्छा पैसे वाला है तो पुलिस को खर्चा पानी भी दे देगा।
इस पर इन युवकों ने परिवादी का नाम लेकर एएसआई को कहा कि इसकी कार मुकदमे में दिखा देंगे। हमारा और अपना दोनों का खर्चा पानी ये आपको दे देगा। जबकि वास्तविकता में इस मामले में एसीबी के परिवादी की न तो कार उपयोग हुई थी और न ही परिवादी इस मामले से कोई लेना-देना था।
15000 रुपए की रिश्वत मांगी थी
एएसआई राजेश मीणा ने परिवादी से दर्ज एक मामले में कार से उसका नाम हटाने की एवज में 15000 रुपए की रिश्वत मांगी गई थी। रिश्वत नहीं देने पर परिवादी को जेल में बंद करने की धमकी दी गई थी। इसके लिए बार-बार परिवादी को परेशान किया जा रहा था। ऐसे में परिवादी ने इसकी शिकायत एसीबी की टीम को कर दी। परिवादी से एएसआई की 10 हजार रुपए लेने पर सहमति बनी।
एएसआई ने सरकारी क्वार्टर के पास बुलाया था
एएसआई राजेश मीणा पुलिस लाइन स्थित सरकारी क्वार्टर में रहता है। उसने मंगलवार को परिवादी को रिश्वत राशि लेकर क्वार्टर के पास रेती स्टैण्ड बुला लिया। जैसे ही एएसआई ने परिवादी से रिश्वत राशि के 10 हजार रुपए वसूले, एसीबी टीम ने उसे दबोच लिया। एएसआई राजेश मीणा बड़ापाल डूंगरपुर का निवासी है। इससे रिश्वत की राशि बरामद की गई और आगे मामले में पूछताछ जारी है।
पुलिस एएसआई इस मामले में परिवादी को फर्जी तरीके से फंसाने की धमकी देकर रिश्वत मांग रहा था।
