जयपुर, 28 मई। राजस्थान पत्रिका समाचार पत्र के आज मंगलवार के अंक में प्रकाशित “नाबालिग के साथ सामूहिक बलात्कार, टांके में कूदी” शीर्षक वाली खबर के संबंध में बाड़मेर पुलिस ने स्पष्टीकरण जारी किया है। पुलिस के अनुसार, पीड़िता ने अपने बयानों में सामूहिक बलात्कार की बात नहीं कही है, बल्कि छेड़छाड़ और अपहरण के प्रयास का उल्लेख किया है।
घटनाक्रम का विस्तृत विवरण :
यह मामला 23 मई, 2025 की रात को शुरू हुआ जब पुलिस नियंत्रण कक्ष बाड़मेर को सूचना मिली कि रामसर थाना क्षेत्र में एक नाबालिग लड़की टांके में गिर गई है। उसे तुरंत राजकीय अस्पताल बाड़मेर लाया गया। सूचना मिलने पर रामसर थानाधिकारी ने पीड़िता के परिजनों से संपर्क किया। पीड़िता की मां ने उस समय बताया कि वे इलाज के बाद घर लौट रहे हैं। रामसर पहुंचने पर, थानाधिकारी ने तत्काल एक महिला कांस्टेबल की उपस्थिति में पीड़िता के शुरुआती बयान दर्ज किए। इन बयानों में, पीड़िता ने स्पष्ट रूप से कहा कि उसके साथ किसी भी तरह का कोई गलत काम नहीं हुआ था, और न ही किसी ने उसका अपहरण किया था। पुलिस को उस समय कोई शिकायत भी दर्ज नहीं कराई गई थी।
मीडिया में बयान और पुलिस की जांच
इसके बाद पीड़िता के परिजन उसे दोबारा इलाज के लिए राजकीय अस्पताल बाड़मेर ले गए और उसे भर्ती कराया गया। 27 मई, 2025 को पीड़िता की मां ने अस्पताल में मीडिया के सामने बयान दिया कि उसकी बेटी के साथ पड़ोसी गांव के तीन लड़कों ने सामूहिक बलात्कार किया है। हालांकि इस समय भी पीड़िता या उसके परिवार द्वारा पुलिस को कोई औपचारिक रिपोर्ट नहीं दी गई थी।
बुधवार, 28 मई, 2025 को राजस्थान पत्रिका में प्रकाशित खबर के बाद बाड़मेर पुलिस हरकत में आई। वास्तविक तथ्यों की जांच के लिए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बाड़मेर को राजकीय अस्पताल बाड़मेर भेजा गया। वहां इलाज करवा रही पीड़िता का महिला कांस्टेबल और उसकी मां की उपस्थिति में वीडियोग्राफी के साथ नए पर्चा बयान लिए गए। इन बयानों में, पीड़िता ने बताया कि दो लड़के घर आए और उसके साथ छेड़छाड़ कर गलत काम करने का प्रयास किया और उसका अपहरण करने की कोशिश की। उसने यह भी बताया कि एक अन्य आरोपी ने इस अपराध में सहयोग किया।
आपराधिक मामला दर्ज और अनुसंधान जारी
पीड़िता के इन नए बयानों के आधार पर, पुलिस थाना रामसर में तत्काल आपराधिक प्रकरण संख्या 53/28.05.25 दर्ज किया गया है। इसमें भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 331 (3), 74, 75, 137(2), 70(2)/62 और पॉक्सो अधिनियम की धारा 9 (जी/10), 5 (जी)18, 16/17 के तहत आरोप लगाए गए हैं। इस मामले का अनुसंधान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, एसआईयूसीएडब्ल्यू बाड़मेर द्वारा किया जा रहा है।
बाड़मेर पुलिस ने स्पस्ट करते हुए ने कहा है कि पीड़िता ने दोनों बार पुलिस के समक्ष दिए गए अपने बयानों में सामूहिक बलात्कार की घटना का उल्लेख नहीं किया है। उसने अपने साथ केवल अपहरण और छेड़छाड़ के प्रयासों की जानकारी दी है।
