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हनुमान बेनीवाल के खिलाफ एकजुट हो रहे बीजेपी-कांग्रेस के नेता!:जयपुर में विधायक आवास खाली करने के नोटिस के बाद सीएम-बेनीवाल समर्थक सोशल मीडिया पर भिड़े

सांसद हनुमान बेनीवाल और उनकी पार्टी के नेताओं को जयपुर में सरकारी बंगले और विधायक आवास खाली करने का नोटिस के बाद सियासी हलचल पैदा हो गई है। आदेश के अनुसार उन्हें 11 जुलाई तक आवास खाली करना होगा।

इसके बाद हनुमान बेनीवाल समर्थक ट्विटर पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के खिलाफ ट्रेंड चला रहे हैं। इसके जवाब में भजनलाल समर्थक भी ट्विटर पर उनके बचाव में आ गए। अब ये विवाद राजनीतिक गलियारों से लेकर सोशल मीडिया तक छाया हुआ है। वहीं, दूसरी तरफ बीजेपी और कांग्रेस में बेनीवाल विरोधी सभी नेता एक जुट हो रहे हैं।

दरअसल, बेनीवाल को 2023 में विधानसभा चुनाव जीतने के बाद विधानसभा के सामने फ्लैट आवंटित हुआ था, 2024 में वे सांसद बन चुके हैं, लेकिन उन्होंने फ्लैट खाली नहीं किया। अब उन्हें नोटिस मिला है। जालूपुरा में उनके भाई नारायण बेनीवाल और पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष रहे पुखराज गर्ग को विधायक रहते बंगले आवंटित हुए, लेकिन नारायण बेनीवाल ने उन्हें खाली नहीं किया। पुखराज गर्ग आरएलपी छोड़कर बीजेपी में शामिल हो चुके हैं। पुखराज गर्ग और नारायण बेनीवाल दोनों विधायक नहीं हैं। जो व्यक्ति विधायक नहीं है, उसे बंगला नहीं मिल सकता।

जयपुर में विधानसभा के पास स्थित हनुमान बेनीवाल के विधायक आवास के बाहर लगा नोटिस।

बेनीवाल से बंगला-फ्लैट खाली करवाने के नोटिस के पीछे की सियासत हनुमान बेनीवाल के नागौर वाले घर का बिजली कनेक्शन काटने के बाद जयपुर में जालूपुरा के बगंले और विधानसभा के फ्लैट को खाली करने के नोटिस के बाद सियासत गर्माई हुई है। हनुमान बेनीवाल के सियासी विरोधी इसके जरिए नया नरेटिव बनाना चाहते हैं। बीजेपी नेता बेनीवाल पर बिजली चोरी करवाने वालों का साथ देने का आरोप लगाते रहे हैं।

नागौर का घर बेनीवाल के भाई के नाम पर है, उसका बिजली बिल कई साल से बकाया है। अब बीजेपी नेताओं को बेनीवाल पर हमले का मौका मिल गया है। बीजेपी नेताओं ने अब यह नरेटिव बनाना शुरू किया है कि बेनीवाल खुद भी बिजली बिल नहीं भरते। वे बिजली चोरी करवाने वालों को बचाते हैं। एक नरेटिव यह भी बनाया जा रहा है कि बेनीवाल अपात्र होते हुए भी विधायक कोटे का फ्लैट और दो बंगलों पर काबिज हैं।

हनुमान बेनीवाल समर्थकों ने सीएम भजनलाल के खिलाफ ट्रेंड चलाया।
बेनीवाल समर्थकों के कैंपेन के जवाब में सीएम भजनलाल शर्मा के समर्थन में सोशल मीडिया पर ट्रेंड चलाया गया।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के समर्थन में कई ट्रेंड सोशल मीडिया पर चल रहे हैं।

सोशल मीडिया पर बेनीवाल समर्थकों और मुख्यमंत्री समर्थकों के बीच वार पलटवार हनुमान बेनीवाल के बिजली कनेक्शन और बंगले खाली करवाने के नोटिस के बाद सियासी वार पलटवार शुरू हो गया है। बेनीवाल समर्थकोंं ने सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उधर, मुख्यमंत्री समर्थकों ने भी पलटवार किया है। रात को बेनीवाल समर्थकों ने मुख्यमंत्री को हटाने का ट्रेंड चलाया तो मुख्यमंत्री समर्थक भी जवाब में उतरे और उन्होंने राजस्थान विथ भजनलाल शर्मा को ट्रेंड करवाया।

मौजूदा हालात में बीजेपी-कांग्रेस में बेनीवाल के सभी विरोधी एकजुट हुए हनुमान बेनीवाल बीजेपी और कांग्रेस के ज्यादातर बड़े नेताओं के खिलाफ मुखर होकर बयानबाजी करते हैं। मौजूदा घटनाक्रम में बीजेपी, कांग्रेस के सभी बेनीवाल विरोधी नेता एकजुट हो रहे हैंं।

सरकार नियमों के हिसाब से नोटिस दे रही है। नागौर में ज्योति मिर्धा ने बेनीवाल पर हुए एक्शन के बाद संकेतों में कुछ पोस्ट किए थे। रिछपाल मिर्धा भी बेनीवाल के कट्टर विरोधी हैं। हर बेनीवाल विरोधी नेता इसे एक मौके के तौर पर देख रहा है। दूसरे नेता भी इस मामले में वैट एंड वॉच की स्थिति में हैं।

राजस्थान के ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने हनुमान बेनीवाल के मकान का बिजली कनेक्शन काटने के मामले पर प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कहा था कि यह विषय नहीं है कि किसका बिजली कनेक्शन काटा गया है। जब बिजली का बिल ज्यादा हो जाता है तो कनेक्शन काटना एक सामान्य प्रक्रिया है। जनप्रतिनिधि की तो और भी ज्यादा जिम्मेदारी बनती है, क्योंकि जनता जनप्रतिनिधि के आचरण का अनुसरण करती है। बुरी आदतों पर लगाम रखना चाहिए।

हेल्थ मिनिस्टर गजेंद्र सिंह खींवसर के बेटे धनंजय सिंह खींवसर ने सोशल मीडिया पर लिखा- हनुमान बेनीवाल जी सत्ता के प्रलोभन में जनता के साथ अन्याय और सरकारी संसाधनों का दोहन – यही आपकी विचारधारा है शायद!

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हनुमान बेनीवाल के घर का बिजली कनेक्शन कटने और विधायक आवास खाली करने के नोटिस के बाद ज्योति मिर्धा के ट्वीट भी चर्चा में है। पहला पोस्ट (बाएं) बिजली कनेक्शन कटने के बाद किया गया। दूसरा पोस्ट (दाएं) आवास खाली करने के नोटिस के बाद किया गया।

पहले भी बेनीवाल पर हो चुके एक्शन हनुमान बेनीवाल के खिलाफ जिस तरह का स्टैंड सरकार की तरफ से लिया गया है, वो नया नहीं है। पहले भी पुराने मुकदमों को लेकर वसुंधरा राजे और अशोक गहलोत सकार के समय एक्शन हुए हैं। उस वक्त बेनीवाल विधायक थे। राजधानी में दो बंगले होना सियासी धमक का प्रतीक माना जाता है। अब अगर बंगले खाली करवाए तो सियासी नरेटिव बदलेगा। अब यह नरेटिव बनेगा कि जो काम गहलोत वसुंधरा नहीं कर पाए वो भजनलाल ने कर दिखाया।

जालूपुरा स्थित इस आवास को भी खाली करने का नोटिस जारी किया गया है।

बेनीवाल इसे विक्टिम कार्ड के तौर पर पेश कर सकते हैं हनुमान बेनीवाल से बंगले खाली करवाने से पर्सेप्शन के लेवल पर भले फायदा भी मिल सकता है, लेकिन बेनीवाल इसे विक्टिम कार्ड और सरकार से लड़ाई के रिजल्ट के तौर पर पेश कर सकते हैं ।

नागौर में हनुमान बेनीवाल के निवास बिजली कनेक्शन भी काटा था बता दें कि इससे पहले 2 जुलाई को हनुमान बेनीवाल के नागौर निवास से बिजली बिल बकाया होने के कारण कार्रवाई की गई थी। इस कार्रवाई में उनके निवास का बिजली कनेक्शन काटा गया था। उनके निवास पर ही RLP का कार्यालय है। यह मकान हनुमान बेनीवाल के भाई प्रेमसुख बेनीवाल के नाम पर है। इस मकान के बिजली कनेक्शन का करीब 11 लाख से ज्यादा का बकाया चल रहा था।

Kashish Bohra
Author: Kashish Bohra

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