पुलिस उपायुक्त जयपुर पश्चिम अमित बुडानिया ने बताया कि परिवादीया अनिता पत्नी विजय ने थाना हरमाडा पर रिपोर्ट पेश की कि आज दिनांक 19.05.24 को शाम 7.00 बजे मेरे पति घर से गाडी RJ45CR5590 लेकर सब्जी लाने गये थे। जिनके नहीं लौटने पर फोन किया तो किसी अन्य व्यक्ति ने पैसे लेकर आने बाबत कहा तथा पिछे से मेरे पति की रोने की आवाज आ रही था और अन्य 4-5 व्यक्ति की आवाज भी आ रही थी। उपरोक्त रिपोर्ट पर अविलम्ब प्रकरण संख्या 350/2024 धारा 385,384,386 आईपीसी में दर्ज किया गया।
मानले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस आयुक्त बीजू जार्ज जोसेफ एवं अति० पुलिस आयुक्त (प्रथम) कैलाश चन्द्र बिश्नोई द्वारा अपहृत व्यक्ति को अपहरणकर्ताओं के चंगुल से छुडवाकर आरोपियों की अविलम्ब गिरफतारी के निर्देश दिये गये थे जिस पर मन पुलिस उपायुक्त जयपुर पश्चिम अमित बुडानिया के निर्देशन एवं अति० पुलिस उपायुक्त पश्चिम नीरज पातक एवं सहायक पुलिस आयुक्त चौमु श्री अशोक चौहान के सुपरविजन एवं दिलीप खदाव पु०नि० थानाधिकारी पुलिस थाना हरमाडा जयपुर पश्चिम के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की गई।
अपहृत व्यक्ति को अपहरणकर्ताओं के चंगुल से छुडवाने के लिये निर्देशानुसार गठित विशेष टीम द्वारा घटनास्थल के आसपास के सीसीटीवी फुटेज चैक किये गये तथा परिवादीया से अनुसंधान किया गया। तकनीकी विश्लेषण व प्राप्त आसूचना के आधार पर टीम ने आरोपीगण आकाश सिंह चौहान, मनोज गुर्जर, शंकर लाल सैन, अजय पाल सिंह राठौड, रवि कुमार टॉक व पूजा देवी को गिरफतार किया जाकर अपहरत व्यक्ति की कार को बरामद किया गया है तथा वारदात में शामिल वाहन स्कार्पियों को जब्त किया जाकर अनुसंधान किया जा रहा है।
तरीका वारदात आरोपीयान व अपहरत व्यक्ति विजय अग्रवाल के मध्य आपस में रूपयों का लेनदेन का विवाद है। जिसको लेकर आरोपीयों ने योजना बनाकर अपहरत व्यक्ति की रैकी की। दिनांक 19.05.2024 को जैसी ही विजय अग्रवाल अपनी गाडी लेकर न्यू लोहामंडी रोड पर पंहुचा तो आरोपीया पूजा देवी अपने आप को क्राईम ब्रांच की ऑफिसर बताकर अपनी गाड़ी में बैठा लिया तथा परिवादी की गाडी को साथ ले लिया तथा वहां से रवाना होकर मुहाना पंहुचे तथा वहां से विजय के फोन से ही परिवादीया को फोन कर रूपयों की मांग की तथा अपना फोन युज में नहीं लिया तथा
फोन को बंद कर बार-बार फिरोती की मांग कर अपनी लोकेशन चेंज कर रहे थे। विजय को लेकर आरोपी टोंक रोड, आदर्शनगर, कोटपुतली, बानसूर तक ले गये तथा उनको पुलिस के पिछा करने की भनक लग गयी जिस पर उसको कोटपुतली में छोड दिया। आरोपीयों की पहचान होने के पर आरोपीयों ने अपने रहवासी स्थानों को छोडकर जगह-जगह बदल कर फरारी काट रहे थे जिन्हें तकनीकी व आसूचना के आधार पर विशेष टीमों द्वारा लगातार पीछा कर गिरफतार किया गया।
