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नॉर्थ फ्रंटियर रेलवे:4 ट्रेनों में वॉटर मॉनिटरिंग सिस्टम लगाया, कोच में पानी कम होते ही बताएगा

रेलवे के नॉर्थ फ्रंटियर रेलवे (एनएफआर) द्वारा पायलट प्रोजेक्ट के तहत शुरू किया गया नवाचार उत्तर रेलवे सहित अन्य रेलवे के साथ अब उत्तर पश्चिम रेलवे की भी में किया जा रहा है। रेलवे मैकेनिकल इंजीनियरिंग एक्सपर्ट पीसीएमई (आर) सुधीर गुप्ता बताते हैं कि के ट्रेनों में कोच मेंटेनेंस करने वाले कैरिज एंड वैगन (सीएंडडब्ल्यू) विभाग ने सीनियर मैकेनिकल इंजीनियर और उत्तर पश्चिम रेलवे के जीएम अमिताभ एवं पीसीएमई शिवेंद्र मोहन के निर्देश पर इस तकनीक को उत्तर पश्चिम रेलवे के जयपुर सहित चारों मंडलों की 4 ट्रेनों में ट्रायल पर इंस्टॉल किया है।

इसके बाद रेल मदद पोर्टल पर कोच में पानी खत्म होने की शिकायतें इन ट्रेनों में शून्य हो गई हैं। इसके सफल होने के बाद इस तकनीक को जयपुर मंडल की 35 सहित चारों मंडलों की 250 ट्रेनों (ओनिंग ट्रेन) में इंस्टॉल किया जाएगा। गौरतलब है कि अजमेर मंडल की ट्रेन नंबर 12988, 19615, 20971, 12977 और 19667 ट्रेनों में इसे लगाने की प्रक्रिया जारी है।

टैंकों में जलस्तर की जानकारी देगा, कम होते ही कंट्रोल में बजेगा अलार्म

उत्तर पश्चिम रेलवे के जयपुर मंडल की जयपुर-बांद्रा एक्सप्रेस, अजमेर मंडल की उदयपुर-न्यूजलपाईगुड़ी एक्सप्रेस, बीकानेर मंडल की श्रीगंगानगर-नांदेड़ एक्सप्रेस और जोधपुर मंडल की भगत की कोठी-तिरुचिरापल्ली सुपरफास्ट हमसफर में एडवांस वॉटर लेवल मॉनिटरिंग सिस्टम लगाया गया है। गुप्ता बताते हैं कि यह सिस्टम इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) पर आधारित है।

इससे कोच के पानी के टैंकों में जलस्तर की सटीक और निरंतर जानकारी मिलती रहेगी। जैसे ही टैंक में पानी का स्तर 30 फीसदी से कम होगा, तुरंत कैरिज एंड वैगन (सीएंडडब्ल्यू) कंट्रोल को अलर्ट भेजा जाएगा। यह अलर्ट सीएमएम और मोबाइल पर भी पहुंचेगा। इसके बाद ट्रेन स्टाफ और अगले वॉटर फिलिंग स्टेशन को सूचना मिल जाएगी। इस सिस्टम में वॉटर लेवल सेंसर और माइक्रो कंट्रोलर आधारित नियंत्रण प्रणाली का उपयोग किया गया है। इसमें लोरा और जीपीआरएस आधारित कम्युनिकेशन तकनीक का इस्तेमाल किया गया है।

हाइड्रो-स्टेटिक प्रेशर सेंसर के जरिए डेटा कैप्चर और ट्रांसमिट किया जाता है, जिससे जलस्तर की सटीक जानकारी मिलती है। डेटा को सटीक समय के साथ सिंक्रोनाइज्ड किया गया है। जीपीएस मॉड्यूल के जरिए कोच के अंदर अलर्ट यूनिट लगाई गई है। इससे अगर ट्रेन में टंकी पूरी तरह भरी है, तो डिस्प्ले पर ‘ग्रीन एलईडी’ ब्लिंक करेगी। वहीं जलस्तर 50 फीसदी तक पहुंचने पर ‘येलो एलईडी’ ब्लिंक करेगी।

उत्तर पश्चिम रेलवे के अजमेर मंडल में ट्रेन नंबर 19601 (उदयपुर-न्यू जलपाईगुड़ी) में यह सिस्टम लगाया गया है, इसमें 21 कोच हैं। बीकानेर की 12486 (श्रीगंगानगर-नांदेड़) ट्रेन में ये सिस्टम लगाया गया है, जिसमें 16 कोच हैं। जयपुर मंडल की 12980 (जयपुर-बांद्रा टर्मिनस) ट्रेन में ये सिस्टम लगाया गया है, जिसमें 20 कोच हैं और जोधपुर मंडल की 20481 (भगत की कोठी-तिरुचिरापल्ली) ट्रेन में भी इसे लगाया गया है। इसमें 20 कोच हैं।

क्या है एडवांस वॉटर लेवल मॉनिटरिंग सिस्टम

  • यह सिस्टम, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित है।
  • जो ट्रेन के वॉटर टैंक में पानी के स्तर की निरंतर और सटीक निगरानी करता है।
  • यह सिस्टम, ट्रेन के टैंक में पानी के स्तर में कमी होने पर तुरंत सीएंडडब्ल्यू कंट्रोल को अलर्ट करता है।
  • जिसके बाद ट्रेन में तैनात सीएंडडब्ल्यू स्टाफ ट्रेन के अगले वॉटर फिलिंग स्टेशन को सूचना देता है।
  • यह सिस्टम, डेटा लॉगिंग को सटीक टाइम स्टैम्प के साथ सिंक्रोनाइज करता है।
  • यह सिस्टम, लोरा (एलओआरए) और जीआरपीएस नेटवर्क का इस्तेमाल करता है।
  • ये सिस्टम, दूरस्थ स्थानों के लिए भी सहायक है।
Kashish Bohra
Author: Kashish Bohra

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