विद्याधर नगर स्टेडियम में आज से सात दिवसीय शिवमहापुराण कथा की शुरुआत हुई। इस दौरान पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा- मैं आज राजस्थान की भूमि पर जयपुर से अपनी बेटियों को कहना चाहूंगा कि आप पहनावे का बहुत ध्यान रखें। आप कितने भी बड़े और विकासशील हो जाएं। आप बाहर की सभ्यता और बाहर का पहनावा राजस्थान में मत लेकर आना।
उन्होंने कहा- राजस्थान का पहनावा अपने आप में अलौकिक है। यहां का पहनावा तो पार्वती जी ने भी धारण किया। भगवान शंकर ने भी धारण किया। ईसर और गौरा के रूप में जब शिवमहापुराण का यजमान बने थे। माता पार्वती ने सोलह श्रृंगार किया था।

चोरों ने महिलाओं की चेन तोड़ी
वहीं, कथा में उमड़ी भीड़ का फायदा उठाकर चोर महिलाओं के गले से चेन तोड़ ले गए। लोगों के पर्स चोरी हो गए। महिलाएं रोती हुई इधर से उधर भटकती रही। तेज धूप और गर्मी के कारण कई महिलाएं अचेत हो गईं। जिन्हें साथ की महिलाओं ने संभाला।

पहले दिन शिव-सती प्रसंग सुन भावविभोर हुए भक्त
कथा की शुरुआत वैदिक मंत्रोच्चारण, गणेश पूजन और जलाधिवास अनुष्ठान से हुई। पंडित प्रदीप मिश्रा ने पहले दिन शिव और सती की कथा सुनाई। उन्होंने कथा के माध्यम से शिव भक्ति, संयम और सेवा का संदेश दिया। हजारों श्रद्धालु पूरे समय ध्यानपूर्वक कथा सुनते रहे और हर प्रसंग पर जयकारों से वातावरण गूंजता रहा।

आयोजन समिति की ओर से बताया गया कि प्रत्येक दिन महामृत्युंजय रूद्र महायज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। इसके साथ ही प्रतिदिन 1 लाख लोगों के लिए विशाल भंडारे का आयोजन किया जा रहा है। समिति ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे समय से पहुंचें और शांतिपूर्ण ढंग से कथा में शामिल हों।
