बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा एक दिवसीय दौरे पर 31 मई को जयपुर आ रहे हैं। राजस्थान में संगठनात्मक फेरबदल के बीच नड्डा का जयपुर दौरा बना है। नड्डा 31 मई को दोपहर 12 बजे जयपुर पहुंचेंगे। एयरपोर्ट से सीधे एंटरटेनमेंट पैराडाइज (ईपी) जाएंगे। यहां अहिल्या बाई होल्कर की 300वीं जयंती के अवसर पर आयोजित समारोह में शिरकत करेंगे।
राजस्थान में बीजेपी सरकार बनने के बाद जेपी नड्डा पहली बार जयपुर आ रहे हैं। इससे पहले नड्डा विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान जयपुर आए थे। वहीं, नड्डा लोकसभा चुनावों के मद्देनजर 3 अप्रैल को झालावाड़ और 8 अप्रैल को हनुमानगढ़ में प्रचार के लिए आए थे।
संगठनात्मक मुद्दों पर होगी चर्चा
बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ अध्यक्ष बनने के बाद से ही पुरानी टीम के साथ काम कर रहे हैं। ऐसे में अब उनकी नई टीम का गठन होना है। बताया जाता है कि मदन राठौड़ अपनी नई टीम में शामिल होने वाले नेताओं के नामों की लिस्ट केन्द्रीय नेतृत्व को भेज चुके हैं। केन्द्रीय नेतृत्व से हरी झंडी मिलने के बाद कभी भी प्रदेश की नई कार्यकारिणी की घोषणा हो सकती है। ऐसे में नड्डा जयपुर विजिट के दौरान राठौड़ की नई टीम के साथ अन्य संगठनात्मक मुद्दों पर भी चर्चा कर सकते हैं।
इसके अलावा मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के साथ सरकार के कामकाज और अन्य राजनीतिक मुद्दों पर भी चर्चा होना संभव है।

पहले दो बार कार्यक्रम हो चुके स्थगित
इससे पहले 8 माह में दो बार जेपी नड्डा का जयपुर आने का कार्यक्रम बन चुका है। लेकिन दोनों बार वे जयपुर नहीं आ सके। कार्यक्रम स्थगित हो गया था। अक्टूबर 2024 में नड्डा का जयपुर में संगठन पर्व (संगठन चुनाव) को लेकर आने का कार्यक्रम बना था।
इसके बाद जनवरी 2025 में नड्डा का जयपुर आने का दो दिवसीय कार्यक्रम बना था। कार्यक्रम के अनुसार नड्डा को प्रदेश कार्यालय में संगठनात्मक बैठक लेनी थी। वहीं, स्वामित्व योजना के तहत आयोजित होने वाले राज्यस्तरीय कार्यक्रम में शिरकत करनी थी। लेकिन नड्डा के दोनों कार्यक्रम स्थगित हो गए।
शहर से लेकर कार्यालय की सजावट
अहिल्या बाई होल्कर जन्म जयंती समारोह की प्रदेश सह संयोजक सुमन शर्मा ने बताया कि अहिल्या बाई होल्कर की 300वीं जयंती पर होने वाले कार्यक्रम में जयपुर संभाग के कार्यकर्ता मौजूद रहेंगे। समारोह में संभाग के सांसद से लेकर सरपंच तक को बुलाया गया है। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण अहिल्या बाई होल्कर के जीवन पर आयोजित नाटक का मंचन हैं।
