जयपुर। उदयपुर पुलिस ने पानरवा थाना क्षेत्र में एक वृद्ध के घर में घुसकर हथियारबंद लूटपाट और मारपीट करने के सनसनीखेज मामले का खुलासा कर दिया है। इस वारदात में शामिल दो मुख्य आरोपियों विक्रम पुत्र तेजा और बद्रीलाल पुत्र लाला निवासी शीलामाता थाना पानरवा को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि अन्य की तलाश जारी है। यह घटना 25 मई, 2025 की रात को हुई थी, जिसने पूरे मानपुर गांव में दहशत फैला दी थी।
दिल दहला देने वाली वारदात
घटना की रात, यानी 25 मई, 2025 को, मानपुर गांव निवासी 75 वर्षीय बुजुर्ग भूरीलाल कलाल के घर में चार-पांच नकाबपोश बदमाशों ने धावा बोल दिया। ये बदमाश धारदार हथियारों से लैस थे और उन्होंने बारिश व तूफान के अंधेरे का फायदा उठाते हुए घर में घुसपैठ की। उन्होंने बुजुर्ग को बेरहमी से बंधक बना लिया और उनके साथ मारपीट भी की। बदमाशों ने घर में जमकर लूटपाट की, जिसमें करीब 15 लाख रुपये के सोने के जेवरात, 3 लाख रुपये के चांदी के जेवरात, डेढ़ से दो लाख रुपये नकद, एक मोबाइल फोन, और लगभग 5-6 किलो सिक्के (जिसमें 1 रुपये और 2 रुपये के सिक्के के साथ-साथ 1 पैसे, 2 पैसे, 5 पैसे और 10 पैसे के पुराने सिक्के भी शामिल थे) शामिल थे। लूटपाट के दौरान हुई मारपीट से बुजुर्ग बुरी तरह घायल हो गए। हालांकि, पड़ोसियों के जाग जाने से आरोपी मौके से फरार हो गए, लेकिन भागते समय उनकी एक शर्ट और एक धारदार चाकू घटनास्थल पर छूट गया था। इस घटना के संबंध में थाना पानरवा में प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू की गई थी.
पुलिस टीम का गठन और त्वरित कार्यवाही
घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक योगेश गोयल के निर्देशानुसार एक विशेष पुलिस टीम का गठन किया गया। इस टीम का नेतृत्व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गोपालस्वरूप मेवाड़ा मुख्यालय और वृताधिकारी राजेंद्र के सुपरविजन में एसएचओ पानरवा धनपत सिंह कर रहे थे।
टीम ने तुरंत कार्रवाई शुरू की और आरोपियों की तलाश में जुट गई।
पुलिस टीम ने अपनी जांच में पाया कि वारदात घनी आबादी वाले मानपुर गांव में हुई थी और बुजुर्ग भूरीलाल कलाल घर में अकेले रहते थे। इससे यह संभावना बढ़ गई कि आरोपी स्थानीय हो सकते हैं। उच्चाधिकारियों के निर्देश पर स्थानीय संदिग्धों और पूर्व में सजायाफ्ता अपराधियों के बारे में सूचनाएं जुटाई गईं। इस दौरान थाने के आसूचना अधिकारी कांस्टेबल दिलीप कुमार मेघवाल ने घटनास्थल पर मिली संदिग्ध शर्ट की फोटो मुखबिरों और अन्य गणमान्य लोगों को दिखाई।
यह जानकारी मिली कि घटना वाले दिन पानरवा थाने के शीलामाता मंदिर के पास रहने वाला विक्रम नाम का एक युवक वैसी ही संदिग्ध शर्ट पहनकर शराब के ठेके से शराब लेकर गया था, अंडे की लारी पर भी इसी हुलिए के एक अन्य व्यक्ति के साथ देखा गया था।बइस महत्वपूर्ण सुराग के आधार पर, पुलिस टीम ने तुरंत विक्रम को हिरासत में ले लिया।
विक्रम से पूछताछ के दौरान उसने अपने एक अन्य साथी बद्रीलाल उर्फ बदिया का नाम बताया, जिसे भी पुलिस ने तुरंत हिरासत में ले लिया।
दोनों हिरासत में लिए गए अभियुक्तों से मनोवैज्ञानिक तरीके से गहन पूछताछ की गई, जिसके बाद उन्होंने अपना जुर्म कबूल कर लिया। उन्होंने यह भी बताया कि इस वारदात में नारूलाल उर्फ नारायण और एक नाबालिग बच्चा भी शामिल था। विस्तृत पूछताछ के बाद विक्रम और बद्रीलाल को गिरफ्तार कर लिया गया।
वारदात का तरीका और आगे की जांच
आरोपियों से पूछताछ में खुलासा हुआ कि बुजुर्ग भूरीलाल कलाल को बद्रीलाल और उसके भाई नारूलाल उर्फ नारायण ने निशाना बनाया था। उन्होंने बुजुर्ग को एक आसान शिकार समझा क्योंकि वह गांव में नजर से कमजोर थे और अकेले रहते थे। घटना की रात, नारूलाल के घर में बैठकर उन्होंने पूरी वारदात की योजना बनाई थी। खराब मौसम और बिजली न होने का फायदा उठाते हुए, वे मुंह पर कपड़ा बांधकर और धारदार हथियार लेकर नदी के रास्ते से घर में घुस गए। उन्होंने बुजुर्ग को बंधक बनाकर करीब 20 लाख रुपये की लूट को अंजाम दिया। आरोपियों ने अपनी पहचान छुपाने के लिए बुजुर्ग के मुंह पर कपड़ा डाला था, और वारदात के वक्त किसी भी आरोपी के पास मोबाइल फोन नहीं था।
गठित टीम और आसूचना अधिकारी कांस्टेबल दिलीप कुमार मेघवाल की सूझबूझ और अथक प्रयासों से इस गंभीर घटना का शीघ्र खुलासा हो सका। गिरफ्तार आरोपी विक्रम के खिलाफ पूर्व में भी आर्म्स एक्ट का एक प्रकरण दर्ज है। पुलिस टीम अब गिरफ्तार अभियुक्तों से लूटे गए माल की बरामदगी के प्रयास कर रही है, और इस वारदात में शामिल अन्य फरार आरोपियों, जिसमें नारूलाल उर्फ नारायण और नाबालिग शामिल हैं, की तलाश भी जारी है। इस त्वरित कार्रवाई से क्षेत्र में पुलिस के प्रति विश्वास बढ़ा है और अपराधियों में भय का माहौल बना है।
