जयपुर, 28 मई। झालावाड़ जिले को कोतवाली थाना पुलिस ने एक ऐसे शख्स को गिरफ्तार किया है जो भूखंडों के फर्जी पट्टे बनाकर उनकी रजिस्ट्री करवा रहा था। गिरफ्तार आरोपी मूलतः डेगाना हाल हरिनगर झालावाड़ निवासी मुकेश कुमार पुत्र पीराराम (31) है और यह पिछले छह महीने से फरार था। मंगलवार, 27 मई, 2025 को कोतवाली थाना पुलिस ने उसे पकड़ लिया है।
क्या है पूरा मामला
पुलिस अधीक्षक ऋचा तोमर ने बताया कि मुकेश मेघवाल को पुलिस हिरासत में ले लिया गया है और उससे पूछताछ की जा रही है। पुलिस को उम्मीद है कि उससे इस गिरोह के बाकी सदस्यों के बारे में भी जानकारी मिल पाएगी। यह मामला 15 नवंबर, 2024 का है। झालावाड़ नगर परिषद के आयुक्त ने कोतवाली थाने में एक रिपोर्ट दर्ज कराई थी। रिपोर्ट में बताया गया था कि डेगाना हाल हरिनगर निवासी मुकेश कुमार ने झालरापाटन के सब-रजिस्ट्रार कार्यालय में कुछ भूखंडों के पट्टे की रजिस्ट्री के लिए आवेदन किया था। ये पट्टे 16 अप्रैल, 2024 के थे और झालरापाटन के गोपालपुरा गांव में स्थित साईं अंश योजना के खसरा संख्या 134/95, 135 के भूखंड संख्या 53, 54, 55 और 56 (कुल 4000 वर्ग फुट) से जुड़े थे। नगर परिषद को शक था कि ये दस्तावेज जाली हैं।
पुलिस ने कैसे पकड़ा
धोखाधड़ी की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए, पुलिस अधीक्षक तोमर ने अपराधियों को पकड़ने के लिए एक खास टीम बनाई। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक चिरंजीलाल मीणा और वृत्ताधिकारी हर्षराज सिंह खरेड़ा की सुपरविजन एवं कोतवाली एसएचओ रामकेश मीणा के नेतृत्व में टीम ने मुकेश मेघवाल के बारे में जानकारी इकट्ठा करने के लिए बहुत मेहनत की।
आरोपी काफी चालाक और शातिर किस्म का अपराधी था, इसलिए उसे पकड़ना मुश्किल हो रहा था। लेकिन कड़ी मेहनत और लगन से काम करते हुए, टीम ने आखिरकार मंगलवार को मुकेश मेघवाल को गिरफ्तार कर लिया। उसे अब पुलिस हिरासत में रखकर पूछताछ की जा रही है, ताकि इस पूरे गिरोह का पर्दाफाश किया जा सके।
लॉकडाउन के समय क्रिकेट सट्टे में हुआ था 6 करोड़ का नुकसान
पूछताछ में मुकेश मेघवाल ने बताया कि उसने लॉकडाउन के दौरान क्रिकेट सट्टे में 6 करोड़ रुपये का कर्ज चुकाने के लिए यह सब किया। उसने झालावाड़ नगर परिषद कार्यालय से नगर परिषद आयुक्त, कनिष्ठ अभियंता, सभापति और नगर परिषद झालावाड़ की चार मोहरें और कुछ खाली भूखंड पट्टे के फॉर्म भी चुराए।
फिर उसने इन फॉर्मों पर हेराफेरी करके फर्जी पट्टे तैयार किए और उन पर चोरी की मोहरें लगाकर उन्हें झालरापाटन के रजिस्ट्रार कार्यालय में रजिस्ट्री के लिए जमा करवा दिया। पुलिस की इस कार्रवाई में एसएचओ रामकेश मीणा, एएसआई रघुनाथ प्रसाद, कांस्टेबल शैतान मांजू, दिलीप, बृजलाल, महेंद्र और सत्यवीर शामिल थे।
