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एजीटीएफ का ऑपरेशन क्वीन:हिस्ट्रीशीटर जीतू जोड़ी के घर से एक और एके-47 मिली, लॉरेंस गैंग के रोहित व वीरेंद्र ने भेजी थी

पुलिस मुख्यालय की एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (एजीटीएफ) ने चूरू में हिस्ट्रीशीटर जीतेन्द्र सिं​ह उर्फ जीतू जोड़ी के खेत से एक और एके-47 बरामद की है। जीतू जोड़ी ने इसे खेत में प्लास्टिक की टैप से पैक कर जमीन में दबा रखा था। इसके साथ दो मैग्जीन भी रखी थी।

इससे पहले धौलपुर के राजाखेड़ा में जीतू चंबल के पास मिली एके-47 भी उसे जयपुर में जीतू जोड़ी ने दी थी। ये दोनों एके-47 लॉरेंस बिश्नोई गैंग के रोहित गोदारा व वीरेंद्र चारण द्वारा भेजे जाने की बात सामने आई है। अब एजीटीएफ इन्हें चूरू तक भेजने वाले लोगों की पहचान करने में जुटी है।

एडीजी क्राइम ​दिनेश एमएन ने बताया कि 4 जून को राजाखेड़ा में दबिश देकर एके-47 के साथ डकैत जीतू चंबल और उसके पिता को पकड़ा था। पूछताछ में जीतू चंबल ने बताया था कि उसने यह एके-47 जयपुर में कालवाड़ रोड स्थित सुशांत सिटी के पास से ली थी। हथियार लेने के दौरान जयपुर में हाथोज निवासी शिवराज सिंह साथ था।

ऐसे में पुलिस ने शिवराज को पकड़ा और दोनों को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ की तो चूरू के कोतवाली निवासी जितेन्द्र सिंह उर्फ जीतू जोड़ी से लेना बताया। इसके बाद टीमों ने चूरू में छापेमारी कर तीन दिन पहले जीतू जोड़ी को पकड़ लिया। पूछताछ में उसने खेत में एक और एके-47 ​होने की बात बताई।

एडीजी एमएन ने बताया कि लॉरेंस बिश्नोई गैंग के बदमाशों ने एके-47 को रानी नाम दे रखा था। अगर फोन पर एके-47 के संबंध में कोई बातचीत करनी होती तो रानी नाम से बात करते थे। ऐसे में इन्हें रिकवर करने के लिए ऑपरेशन क्वीन चलाया।

ऑपरेशन में एएसपी सिद्धांत शर्मा, इंस्पेक्टर रविन्द्र प्रताप सिंह, सुनील जांगिड़ के नेतृत्व में एजीटीएफ सदस्य कमलेश चौधरी, सन्नी कुमार, सुरेश कुमार, कमल सिंह, मोहन, महेश, नरेश, जितेन्द्र, देवेन्द्र, सुरेन्द्र व श्रवण को शामिल किया था।

दोनों एके-47 बांग्लादेश/नेपाल के रास्ते आने की संभावना

  • ये दोनों एके-47 बांगलादेश/नेपाल के रास्ते से आने के इनपुट मिले हैं। इसकी तस्दीक की जा रही है।
  • गिरफ्तार जीतू जोड़ी से पूछताछ में सामने आया कि सुखदेव सिंह गोगामेड़ी हत्याकांड की पूरी साजिश का इसे पता था, लेकिन किसी कारण से उसमें शामिल नहीं हो पाया।
  • डकैत जीतू चंबल कुख्यात रामदत्त सिंह चंबल का छोटा भाई है। रामदत्त एजीटीएफ पर फायरिंग फरार हुआ था। जिसे कुछ समय पहले हरियाणा में पकड़ लिया गया। अब उसे पूछताछ के लिए प्रॉडक्शन वारंट पर लाया जाएगा।
  • पकड़े गए बदमाशों से हुई पूछताछ के आधार पर एक दर्जन से ज्यादा एजीटीएफ के राडार पर हैं। अब उन्हें पकड़ने के लिए सीकर, चूरू, झुंझुनूं सहित आस-पास के जिलों में छापेमारी की जा रही है।

लॉरेंस गैंग में ​थर्ड लेयर का बदमाश है जीतू, व्यापारियों को धमकी दिलाने के बाद कराता था सेटलमेंट

एजीटीएफ द्वारा चूरू से पकड़े गए बदमाश जीतू जोड़ी के घर से दूसरी एके-47 मिलने के बाद सुरक्षा एजेंसियों में हड़कंप मच गया। एजीटीएफ ने धौलपुर से मिले इनपुट के बाद चार दिन पहले जीतू जोड़ी को पकड़ा और पूछताछ के बाद दूसरी एके-47 बरामद की। अब तक के अनुसंधान में सामने आया कि जीतू लंबे समय से लॉरेंस गैंग से जुड़ा है और तीसरी लेयर का बदमाश है। यह लॉरेंस गैंग की दूसरी लेयर के बदमाश वीरेंद्र चारण से जुड़ा था।

वीरेंद्र के कहने पर लॉरेंस गैंग से जुड़े राजस्थान, हरियाणा और पंजाब के बदमाशों को फरारी कटवाना और उनके इशारे पर हथियार सप्लाई का काम देखता था। इस काम के साथ-साथ जीतू जोड़ी ने चूरू में अपने स्तर पर अलग गैंग खड़ी कर ली, जो स्थानीय व्यापारियों को चिह्नित करते और रंगदारी के लिए गैंगस्टरों से कॉल करवा देते थे। बाद में उन व्यापारियों से संपर्क कर सेटलमेंट के नाम पर पैसे वसूलते थे। कुछ समय से चूरू की विवादित जमीनों पर ​कब्जे करवाने का काम करने लग गया।

अब जीतू तक एके-47 पहुंचाने वाले को तलाश रही पुलिस

  • पकड़ा गया जीतू जोड़ी लंबे समय से लॉरेंस गैंग के रोहित गोदारा व वीरेंद्र चारण के संपर्क में था। पूर्व में वीरेंद्र चारण के साथ कई वारदातों में शामिल रह चुका है। पूछताछ में इसने बताया कि ये दोनों एके-47 रोहित गोदारा व वीरेंद्र चारण ने ही भिजवाई थी। अब एजीटीएफ धौलपुर में सभी बदमाशों से पूछताछ कर रही है, ताकि पता चल सके कि जीतू तक किसने पहुंचाई।
  • जीतू चूरू के कोतवाली थाने का हिस्ट्रीशीटर बदमाश है। उसके खिलाफ एक दर्जन से ज्यादा गंभीर प्रकरण दर्ज हैं। जीतू के पिता खींव सिंह जोड़ी एक बार सरपंच रह चुके हैं।
  • एडीजी ने बताया कि एजीटीएफ ने पिछले दो सप्ताह में तीन बड़े हथियार बरामद कर लिए। सबसे पहले गैंगस्टर पपला गुर्जर को भगाने वाले 1 लाख के इनामी राजवीर गुर्जर को एके-56 के साथ पकड़ा था। इसके बाद दो एके-47 पकड़ी।
Kashish Bohra
Author: Kashish Bohra

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