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प्रदेश अनुसूचित जाति, जनजाति एवं पिछड़ी जाति अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त संगठन की अहम बैठक आहूत एवं कार्यकारी समिति की घोषणा l

प्रदेश अनुसूचित जाति, जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त संगठन द्वारा आज दिनांक 25.06.2025 को राज्य कार्यकारिणी समिति की घोषणा की गई। यह समिति संगठन के नियमों एवं पारदर्शी प्रक्रिया के तहत गठित की गई है।
संगठन के प्रदेश अध्यक्ष हेमन्त मीना ने कार्यकारी समिति की घोषणा करते हुए कहा कि यह समिति आगामी दो वर्षों तक संगठन की गतिविधियों का संचालन करेगी एवं समाज के अधिकारों की रक्षा, संवैधानिक मर्यादाओं के पालन तथा सामाजिक न्याय की स्थापना के लिए सतत संघर्षरत रहेगी।
संगठन के महासचिव महेन्द्र सिंह करोल ने बताया कि घोषित कार्यकारी समिति में विभिन्न विभागों एवं जिलों से अनुभवी, कर्मठ तथा निष्ठावान साथियों को दायित्व सौंपा गया है। यह समिति संगठन को और अधिक सशक्त बनाएगी एवं कार्मिकों की समस्याओं के समाधान हेतु प्रभावी कदम उठाएगी।
करोल ने बताया कि हम समस्त सदस्यों, अधिकारियों एवं समाज के लोगों से अपेक्षा करते हैं कि वे इस समिति को पूर्ण सहयोग प्रदान करें एवं संगठन को मज़बूत बनाने में अपनी भागीदारी निभाएं।
घोषित पदाधिकारीगण की सूची संगठन के माध्यम से सार्वजनिक कर दी गई है
 “संविधानिक अधिकार, सामाजिक न्याय और समानता के लिए संघर्षशील”
1.संविधानिक मूल्यों पर आधारित: हमारा संगठन भारतीय संविधान द्वारा प्रदत्त समानता, स्वतंत्रता, बंधुत्व और न्याय के सिद्धांतों को सर्वोच्च मानता है।
2.आरक्षण व्यवस्था का सशक्त समर्थन: संघ SC, ST और OBC वर्गों के लिए निर्धारित आरक्षण नीति का पूर्ण समर्थन करता है और इसके क्रियान्वयन की निगरानी करता है।
3.सामाजिक एवं आर्थिक सशक्तिकरण: समाज के पिछड़े वर्गों को शिक्षा, नौकरी, पदोन्नति एवं प्रशासनिक स्तर पर समान अवसर दिलाने के लिए प्रयासरत।
4.भेदभाव के विरुद्ध संघर्ष: किसी भी प्रकार के जातीय, सामाजिक या प्रशासनिक भेदभाव का विरोध करना हमारा प्रमुख उद्देश्य है।
5.संघीय एकता और भाईचारा: एकता में शक्ति है – सभी वर्गों के बीच आपसी सहयोग, समर्थन और सामूहिक विकास के लिए कार्य करना।
6.कर्मचारियों के अधिकारों की रक्षा: सरकारी सेवाओं में कार्यरत SC, ST और OBC अधिकारियों व कर्मचारियों के अधिकारों, पदोन्नति, सेवा सुरक्षा व कार्यस्थल पर सम्मान सुनिश्चित करना।
7.कानूनी लड़ाई में सहयोग: यदि किसी सदस्य के साथ अन्याय या भेदभाव होता है, तो संघ उसके साथ कानूनी, प्रशासनिक और नैतिक सहयोग करेगा।
8.राज्य व केंद्र सरकार से संवाद: नीतिगत मामलों में राज्य व केंद्र सरकार से सकारात्मक संवाद कर SC, ST व OBC हितों की रक्षा करना।
     SC, ST एवं OBC अधिकारी-कर्मचारी संगठन राज्य के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के अधिकारी-कर्मचारियों के सामाजिक, शैक्षणिक, आर्थिक एवं प्रशासनिक हितों की रक्षा तथा संवर्धन के लिए सतत् संघर्षशील है।
संगठन की विचारधारा केवल सैद्धांतिक न होकर, व्यावहारिक कार्यों एवं सामूहिक निर्णयों की ठोस नींव पर टिकी है।
🔷 संगठन की विचारधारा एवं उद्देश्य:
1.संविधानिक मूल्यों पर आधारित कार्यसंस्कृति
संविधान द्वारा प्रदत्त समानता, न्याय और गरिमा के मूल्यों को कार्यस्थलों पर लागू कराना।
2.आरक्षण व्यवस्था का दृढ़ समर्थन
शिक्षा, नियुक्ति, पदोन्नति और प्रतिनिधित्व में आरक्षण के प्रावधानों की रक्षा व पूर्ण क्रियान्वयन।
3.समान अवसर और सम्मान का माहौल
कार्यस्थलों पर जातिगत भेदभाव, पक्षपातपूर्ण ACR या अन्यायपूर्ण कार्यवाही के विरुद्ध संघर्ष।
4.कर्मचारियों के अधिकारों की रक्षा
सेवा शर्तों, पदोन्नति, स्थानांतरण, सेवा सुरक्षा, शिकायतों के समाधान आदि में सहयोग व समर्थन।
5.संगठनात्मक एकता और भागीदारी
सभी वर्गों के अधिकारियों-कर्मचारियों को एकजुट कर मजबूत संगठन की नींव तैयार करना।
6.नवीन पीढ़ी का नेतृत्व निर्माण
युवा अधिकारियों को प्रेरित कर नेतृत्व में भागीदारी हेतु तैयार करना।
📝 संगठन द्वारा लिए गए महत्वपूर्ण सामूहिक निर्णय:
संगठन ने हाल ही में आयोजित कार्यकारिणी एवं पदाधिकारी बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय सामूहिक सहमति से लिए, जिनमें से प्रमुख बिंदु निम्न हैं:
1.प्रशासनिक स्तर पर SC/ST/OBC कर्मचारियों के साथ हो रहे भेदभाव के विरुद्ध प्रतिनिधिमंडल भेजने का निर्णय।
2.निचले स्तर से लेकर सचिवालय तक आरक्षण रोस्टर की निगरानी हेतु राज्य स्तरीय समिति का गठन।
3.दुर्भावनापूर्ण ACR के मामलों में न्यायिक/प्रशासनिक कार्रवाई हेतु लीगल सेल का निर्माण।
4.युवा अधिकारियों के लिए मार्गदर्शन, RTI व सेवा शर्तों पर ऑनलाइन कार्यशाला आयोजित करने का निर्णय।
5.पदोन्नति में आरक्षण से जुड़े लंबित मामलों पर राज्य सरकार के समक्ष मांग-पत्र प्रस्तुत करना।
6.जिलावार यूनिटों को सक्रिय कर, मासिक समीक्षा बैठक सुनिश्चित करने का निर्णय।
🔷 संगठन का आह्वान:
SC, ST एवं OBC वर्ग के समस्त अधिकारी एवं कर्मचारी साथियों से अपील है कि वे इस आंदोलन से जुड़ें, संगठन को मजबूत करें और अपने संवैधानिक अधिकारों की रक्षा हेतु एकजुट होकर भागीदारी निभाएं।
Kashish Bohra
Author: Kashish Bohra

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