प्रदेश के अतिवृष्टि वाले क्षेत्रों में बने हालातों को देखते हुए सरकार अलर्ट मोड पर आ गई है। शहरी क्षेत्रों में जलभराव क्षेत्रों के साथ ही नदियों तथा बांधों के जलस्तर पर अधिकारी लगातार निगरानी रखेंगे। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने रविवार को सीएमआर पर शहरी क्षेत्रों में जलभराव और नदियों तथा बांधों के जलस्तर में हुई वृद्धि को लेकर उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक ली। मुख्यमंत्री ने प्रशासन को नागरिकों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए प्रभावित क्षेत्रों में सतर्कता और संवेदनशीलता के साथ बचाव और राहत कार्यों के लिए निर्देशित किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नदियों, तालाबों और जलाशयों के जल स्तर सबंधी अपडेट लेते हुए निचले और बाढ़ संभावित इलाकों में लगातार निगरानी रखी जाए। एसडीआरएफ, सिविल डिफेंस और होमगार्ड के दल पर्याप्त संसाधनों के साथ अलर्ट रहें। प्रत्येक जिले में कंट्रोल रूम को प्रभावी रूप से संचालित करते हुए हेल्पलाइन नंबर का प्रचार किया जाए। आंकड़ों के अनुसार प्रदेश के 36 जिलों में असामान्य और 5 जिलों में सामान्य से अधिक बारिश दर्ज की गई है। छोटे बड़े सभी बांधों की कुल भराव क्षमता लगभग 13027 एमक्यूएम है जिसमें से 67 प्रतिशत भराव हो चुका है। बैठक में मुख्य सचिव सुधांश पंत के साथ ही दूसरे विभागों के अधिकारी मौजूद रहे। प्रदेशभर से संभागीय आयुक्त, कलेक्टर, रेंज आईजी सहित अन्य अधिकारी वीसी से जुड़े।
प्रभावित क्षेत्रों में आवश्यक संसाधनों की पर्याप्त उपलब्धता
मुख्यमंत्री ने अतिवृष्टि से प्रभावित आमजन और पशुधन को सुरक्षित जगहों पर स्थानांतरित करने के लिए भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में आवश्यक संसाधनों की पर्याप्त उपलब्धता और सेवाओं को सुचारू रखा जाए। जलभराव क्षेत्रों में प्रभावित लोगों को पेयजल-खाद्य सामग्री सहित जरूरी वस्तुओं की कमी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत और विद्युत आपूर्ति सुचारू करने के लिए भी निर्देशित किया। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि क्षतिग्रस्त बांधों और नहरों की स्थिति की लगातार निगरानी करते हुए आवश्यक मरम्मत संबंधी कार्य करवाएं जाएं।
राहत व बचाव संबंधी जानकारी आमजन तक पहुंचाएं
मुख्यमंत्री ने सभी कलेक्टर को निर्देश दिए कि बाढ़ग्रस्त मार्गों, पुलों और नदी-नालों पर चेतावनी बोर्ड लगाए जाएं। जिला प्रशासन द्वारा किए जा रहे राहत व बचाव कार्यों संबंधित जानकारी आमजन तक पहुंचाएं। विद्यार्थियों की सुरक्षा के लिए आवश्यकतानुसार निर्णय लें। इस दौरान उन्होंने प्रदेशवासियों से अपील की कि अतिवृष्टि की स्थिति में विशेष सावधानी बरतें।
जिलों को बाढ़ बचाव के लिए राशि जारी
बैठक में बताया गया कि बाढ बचाव के लिए संभाग मुख्यालय वाले जिलों को 20-20 लाख तथा अन्य जिलों को 10-10 लाख रुपए जारी किए जा चुके हैं। सचिवालय परिसर में स्टेट इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर नियमित रूप से संचालित है। सीएम ने निर्देश दिए कि सभी जिलों से जर्जर इमारतों, पानी के भराव वाले स्थानों तथा टूटी सड़कों व नदी नालों संबंधी विधानसभावार रिपोर्ट तैयार की जाएं। उन्होंने कहा कि वर्षा जनित दुर्घटनाओं में मृतकों एवं घायलों के लिए सहायता राशि संवेदनशीलता के साथ शीघ्र उपलब्ध कराई जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जिला कलेक्टर्स गांवों में कर्मभूमि से मातृभूमि अभियान के तहत बनने वाले रिचार्ज संरचनाओं के लिए स्थानों का चिन्हीकरण कर रिपोर्ट भेजें।
