उदयपुर| सावन का दूसरा सोमवार आज है। झाड़ोल से करीब 10 किमी दूर चंदवास स्थित चंद्रेश्वर महादेव मंदिर में इनदिनों मछलियां शिव परिक्रमा करती नजर आ रही हैं। दरअसल, यह मंदिर मानसी वाकल बांध के डूब एरिया में बना है। मानसून के दिनों में बांध में पानी बढ़ता है तो मंदिर का हिस्सा भी डूबने लगता है। मंदिर के गर्भ गृह में पानी भरा है। इसी में भक्तों के बीच ये मछलियां भी श्रद्धालुओं की तरह तैरती हैं। पुजारी गिरधारी जोशी ने बताया कि 2005 से पहले तक मंदिर में पानी नहीं आता था। इसके बाद बांध का निर्माण हुआ। बारिश के दिनों में बांध में पानी आता है तो मंदिर जलमग्न हो जाता है।
शिवरात्रि के आसपास बांध खाली होता है, तब मंदिर फिर से बाहर आ जाता है। बांध के ओवरफ्लो होने पर आगामी दिनों में मंदिर का अधिकांश भाग पानी में डूब जाएगा। तब जरूर श्रद्धालु करीब छह माह तक शिवलिंग के दर्शन नहीं कर पाएंगे। लोगों में यहां के शिवलिंग के चमत्कारिक होने की आस्था है। इलाके में किसी भी प्रकार की चोरी या अन्य घटना होने के मामले में श्रद्धालु शिवलिंग पर हाथ रखकर सौगंध खिलाते हैं। अगर व्यक्ति झूठा होता है तो वह सौगंध नहीं खा पाता है। ऐसे में मान्यता बन गई कि महादेव सचाई का साथ देते हैं। वे इसे न्याय के देवता के रूप में भी पूजते हैं।
