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राजस्थान हाईकोर्ट को मिले 7 नए जज:पहली बार जजों की संख्या 40 पार हुई, इनमें 6 वकील कोटे से और एक न्यायिक अ​धिकारी

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की ओर से पूर्व की सिफारिशों के आधार पर राजस्थान हाईकोर्ट के लिए 7 नए जजों की नियुक्ति के आदेश हो चुके हैं। इसके बाद पहली बार होगा कि राजस्थान हाईकोर्ट में जजों की संख्या 40 पार हो चुकी है।

इन सात नए जजों में 6 वकील कोटे से हैं, जबकि 1 न्यायिक अधिकारी हैं। केंद्र सरकार की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार अधिवक्ता संदीप तनेजा को राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया हैं।

इनके अलावा पांच अधिवक्तागण बलजिंदर सिंह संधू, बिपिन गुप्ता, संजीत पुरोहित, रवि चिरानिया और अनुरूप सिंघी को राजस्थान हाईकोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति शामिल हैं। वहीं न्यायिक अधिकारी संगीता शर्मा को भी राजस्थान हाईकोर्ट की अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किया गया हैं।

अब तक 36 जज थे, संख्या 43 तक पहुंची

राजस्थान हाईकोर्ट में न्यायाधीशों की स्वीकृत संख्या 50 हैं। अब तक 36 जज थे। लेकिन, 7 नए जज मिलने के बाद जजों की संख्या 43 हो गई है। बताया जा रहा है कि राजस्थान हाईकोर्ट में पहली बार जजों की संख्या 40 पार हुई है।

जानकारों की माने तो हाईकोर्ट में जजों की संख्या बढ़ने से पेंडिंग केसों का निस्तारण जल्दी होगा। इसका फायदा पक्षकारों को भी मिलेगा।

संधू ने जोधपुर में जेएनवीयू से की लॉ की पढ़ाई

बलजिंदर सिंह संधू का जन्म 6 नवम्बर 1977 को हुआ। इन्होंने जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर से बी.कॉम. एवं एल.एल.बी. की उपाधि प्राप्त की। वर्ष 2000 में जोधपुर हाईकोर्ट में वकील के तौर पर प्रैक्टिस शुरू की थी। संधू को 23 साल का एक्सपीरियंस है।

इन्होंने राजस्थान उच्च न्यायालय, जोधपुर सहित विभिन्न न्यायिक एवं अर्ध-न्यायिक मंचों पर आपराधिक, दीवानी, सेवा, श्रम, आर्थिक अपराध, वाणिज्यिक विवाद और वैकल्पिक विवाद समाधान तंत्र से जुड़े मामलों में प्रभावी रूप से पैरवी की है। इनका अभ्यास परंपरागत और आधुनिक विधिक क्षेत्रों दोनों में फैला हुआ है। इन्होंने संविधान, मानवाधिकार और पर्यावरण कानून से संबंधित कई महत्वपूर्ण मामलों में भागीदारी की है।

इन्होंने कई रिपोर्टेड और अनरिपोर्टेड मामलों में राजस्थान उच्च न्यायालय में प्रभावशाली भूमिका निभाई है। वर्ष 2018 में ये राजस्थान बार काउंसिल के सदस्य चुने गए और उपाध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया। 2017 से 2020 तक भारत सरकार के लिए राजस्थान उच्च न्यायालय, जोधपुर में केंद्रीय सरकारी वकील के रूप में सेवाएं दीं।

इसके अतिरिक्त, इन्होंने गंगानगर और हनुमानगढ़ केंद्रीय सहकारी बैंक, नगर परिषद हनुमानगढ़, राजस्थान औद्योगिक निवेश निगम (RIICO) (2013-16) तथा राजस्थान हाउसिंग बोर्ड (2013-14) के लिए भी पैनल अधिवक्ता के रूप में कार्य किया।

Kashish Bohra
Author: Kashish Bohra

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