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मालेगांव ब्लास्ट पर ऐतिहासिक फैसला और सत्य की हुई जीत:मदन राठौड़

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एंव राज्यसभा सांसद मदन राठौड़ ने मालेगांव ब्लास्ट मामले में न्यायालय के फैसले को ऐतिहासिक करार देते हुए सत्य की जीत बताया है।साथ ही राठौड़ ने कहा कि इस निर्णय ने भारतीय न्यायपालिका की निष्पक्षता,दृढ़ता और सत्यनिष्ठा को एक बार फिर प्रमाणित कर दिया है।राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस ने सत्ता के नशे में चूर होकर एक गहरी राजनीतिक साजिश के तहत इस मामले को भगवा आतंकवाद और हिंदू टेरर की दिशा देने की कोशिश की।साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर,लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीकांत पुरोहित और अन्य निर्दोष राष्ट्रभक्तों को झूठे आरोपों में फंसाया गया।एक साधारण मोटरसाइकिल को सबूत बनाकर झूठी चार्जशीट दाखिल की गई,मनगढ़ंत कहानियां रची गईं और झूठे गवाह तैयार किए गए,जो अदालत की सख्त निगाहों के आगे टिक नहीं पाए।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने कहा कि यह महज एक जांच एजेंसी की भूल नहीं थी,बल्कि कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व द्वारा रची गई राजनीतिक साजिश थी। सुशील कुमार शिंदे,दिग्विजय सिंह और पी.चिदंबरम जैसे नेताओं ने बार-बार ‘भगवा आतंकवाद’ और ‘हिंदू टेरर’ जैसे अपमानजनक शब्दों का प्रयोग किया, जिससे न केवल देशवासियों की भावनाएं आहत हुईं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हिंदू संस्कृति को कलंकित करने की कोशिश की गई।कांग्रेस की इस नीति का मकसद केवल वोट बैंक की राजनीति करना था निर्दोष राष्ट्रभक्तों को फंसाकर बहुसंख्यक हिंदू समाज को आतंक से जोड़ना,ताकि तुष्टिकरण की राजनीति को बल मिल सके,लेकिन अंततःन्यायालय ने सत्य की परतें उजागर कर दीं और झूठ की इमारत भरभरा कर गिर पड़ी।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह द्वारा संसद में दिया गया बयान “हिंदू कभी आतंकवादी हो ही नहीं सकता” आज इस फैसले के माध्यम से न्यायिक रूप से भी प्रमाणित हुआ है।यह उन करोड़ों हिंदुओं की आवाज़ थी जिनकी आस्था, सहिष्णुता और ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ की संस्कृति को कांग्रेस ने बार-बार अपमानित किया।यह फैसला केवल सात निर्दोषों की रिहाई नहीं,बल्कि यह उस सत्य और न्याय की विजय है जिसने यह सिद्ध कर दिया कि हिंदू समाज की आत्मा अहिंसा,प्रेम और सहिष्णुता में रची-बसी है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने समस्त देशवासियों से अपील की है कि वे इस ऐतिहासिक न्याय के क्षण को संयम, विश्वास और आत्मगौरव के साथ स्वीकार करें। यह न सिर्फ कुछ निर्दोषों की रिहाई है,बल्कि यह करोड़ों हिंदुओं की निष्कलंक संस्कृति की पुनः प्रतिष्ठा का प्रतीक है।झूठ के सहारे सत्ता भले कुछ समय के लिए मिल जाए, लेकिन सत्य को हमेशा के लिए दबाया नहीं जा सकता।

Kashish Bohra
Author: Kashish Bohra

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