Home » राजस्थान » आखिर क्यों सता रहा है 4 बार के विधायक को इस बार हार का डर, मुसीबत ज्ञानचंद सारस्वत या महेंद्र सिंह रलावता ?

आखिर क्यों सता रहा है 4 बार के विधायक को इस बार हार का डर, मुसीबत ज्ञानचंद सारस्वत या महेंद्र सिंह रलावता ?

अजमेर (विकास टांक) राजस्थान में 25 नवंबर को होने वाले मतदान को लेकर दोनों ही पार्टियों के प्रत्याशियों हो या फिर निर्दलीय प्रत्याशी सभी के दिलों की धड़कनें तेज हो गई है तो वहीं *अजमेर उत्तर से चार बार विधायक रहने के बावजूद भी भाजपा प्रत्याशी वासुदेव देवनानी को इस बार हार का डर सता रहा है । इस डर की वजह निर्दलीय प्रत्याशी ज्ञानचंद सारस्वत है या फिर कांग्रेस प्रत्याशी महेंद्र सिंह रलावता 

पिछले चुनाव में विधायक वासुदेव देवनानी का कांग्रेस के प्रत्याशी महेंद्र सिंह रलावता से सीधा मुकाबला था, जिसमे रलावता ने देवनानी को बराबर में टक्कर दी लेकिन मात्र 8630 से वह हार गए । *एक बार फिर कांग्रेस के प्रत्याशी महेंद्र सिंह रलावता वासुदेव देवनानी के सामने है तो वहीं दूसरी ओर निर्दलीय के रूप में अपनी ताल ठोक चुके ज्ञानचंद सारस्वत देवनानी के लिए बड़ी चुनौती बनते नजर आ रहे हैं । यही वजह है कि इस बार देवनानी को अपनी हार के साथ तीसरे नंबर पर रहने का स्थान भी नजर आ रहा है ।

बात अगर कांग्रेस के प्रत्याशी महेंद्र सिंह रलावता की करी जाए तो उन्हे अपने काम पर विश्वास है, चुनाव हारने के बाद भी लगातार 5 साल अपने कार्यालय में आमजन की समस्याओं का समाधान किया, कांग्रेस की सरकार होने के चलते शहर की समस्याओं को सरकार तक पहुंचाया और उनका समाधान भी करवाया, यही वजह है कि रलावता अपनी जीत को लेकर पूरी तरीके से आश्वत है । वहीं मुस्लिम समाज हो या अन्य समाज या फिर देवनानी का परंपरागत सिंधी वोट बैंक (बिखरा हुआ) इस बार महेंद्र सिंह रलावता के पक्ष में मतदान करने की ठान चुका है । दूसरी बड़ी मुसीबत देवनानी के सामने भाजपा के बागी ज्ञानचंद सारस्वत है जिनको लगातार आम जनता का समर्थन मिल रहा है, बतौर निर्दलीय पार्षद के रूप में अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत करने वाले ज्ञानचंद सारस्वत का सेवाभावी होने के चलते अनेक समाज सारस्वत के पक्ष में खड़े हैं । आंकड़ों के हिसाब से अगर अनुमान लगाया जाए तो पिछले चुनाव में रलावता 8630 वोटो से हारे थे तो दूसरी और उन्होंने मतदाता सूची से करीब साढ़े 12 हजार मतदाताओं के फर्जी नाम कटवा कर अपनी जीत का रास्ता पहले ही साफ कर लिया था ।

शहर में लगातार ज्ञानचंद सारस्वत को समर्थन मिल रहा है तो वहीं दूसरी और वासुदेव देवनानी जिन जगहों पर प्रचार करने गए वहां पर भी देवनानी का सीटी बजाकर स्वागत किया गया, जिससे साफ नजर आ रहा है कि *इस बार अजमेर उत्तर का रण काफी रोमांचक होने वाला है और जीत का सेहरा महेंद्र सिंह रलावता या ज्ञानचंद सारस्वत के सर बंधेगा ।* अगर ऐसा हुआ तो भाजपा प्रत्याशी वासुदेव देवनानी को तीसरे स्थान पर रहकर संतोष करना पड़ेगा ।

Kashish Bohra
Author: Kashish Bohra

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