जयपुर में दो बुजुर्ग महिलाओं से सोने की ज्वेलरी लूटने के मामले का पुलिस ने खुलासा कर दिया। पुलिस ने मास्टरमाइंड समेत दो बदमाशों को अरेस्ट किया। बदमाश अय्याशी करने के लिए वारदात करते थे। पुलिस से बचने के लिए मास्टरमाइंड ने सिर मुंडवा दिया और मूंछ कटवा दी।
डीसीपी (साउथ) दिगंत आनंद ने बताया- गैंग के मास्टरमाइंड गोविंद राजकोटिया (71) और अश्विन मीठापुरा (23) निवासी भावनगर गुजरात को विधायकपुरी पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
दोनों बदमाश वर्तमान में दिल्ली के टेगौर गार्डन में रह रहे थे। पुलिस ने 100 से अधिक CCTV और 500 ऑटोरिक्शा ड्राइवरों से पूछताछ कर बदमाशों को चिह्नित किया। SHO (विधायकपुरी) बनवारी लाल मीना के नेतृत्व में टीम ने दिल्ली के 25 गज कच्ची बस्ती रघुवीर नगर में दबिश देकर दोनों आरोपियों को दबोचा।
एक ही दिन में दो वारदात की
जयपुर में 30 जून को दोनों बदमाशों ने लूट की दो वारदातों को अंजाम दिया था। पहली घटना मानसरोवर निवासी संगीता नंदवानी (66) के साथ हुई थी। जो बेटे के साथ अमरापुर मंदिर दर्शन करने आई थीं। दर्शन के बाद दोपहर करीब 12:30 बजे अमरापुर गेट से मानसरोवर लौटने के लिए उन्होंने एक ऑटो को रोका।
ऑटो में ड्राइवर समेत दो लोग सवार थे, जिनके साथ किराया तय कर वह बैठ गईं। थोड़ी दूर चलने के बाद दो और लोग ऑटो में सवार हो गए। चारों आरोपियों ने चलते ऑटो में संगीता के सिर पर वार कर उनके दोनों हाथों से लगभग 40 ग्राम के सोने के कंगन छीन लिए। अजमेर पुलिया के पास उतारकर फरार हो गए थी।
दूसरी घटना झोटवाड़ा निवासी हेमलता वासवानी के साथ हुई। वे सुबह 11 बजे अमरापुर मंदिर दर्शन के लिए आई थीं। दोपहर करीब 1 बजे अपनी देवरानी कमला वासवानी के साथ लौट रही थीं। अमरापुर मंदिर के सामने उन्होंने एक ऑटो रोका, जिसमें पहले से दो व्यक्ति बैठे थे।
ऑटो में बैठने के कुछ ही मिनट बाद ड्राइवर ने एक और आदमी को बैठा लिया। इसके बाद थोड़ी ही दूरी पर ड्राइवर ने दोनों महिलाओं को यह कहकर उतार दिया कि 10 मिनट में वापस आएगा, लेकिन ऑटो लेकर भाग गया। बाद में हेमलता ने देखा कि उनके हाथ से लगभग 28 ग्राम का सोने का कंगन गायब था।
दिल्ली में भी लोगों को लूटते थे
डीसीपी (साउथ) दिगंत आनंद ने बताया- जांच में सामने आया कि मास्ट माइंड गोविंद 2014 से जयपुर में ऑटो चला रहा है। दिल्ली में भी किराए पर ऑटोरिक्शा लेकर लूट की वारदात को अंजाम देता था। प्लानिंग के तहत गुजरात से लोगों को बुलाकर ऑटोरिक्शा में आगे की सीट पर बैठाकर बस-रेलवे स्टेशन के आसपास के स्थानों की रेकी करता था।
बुजुर्ग महिलाएं होती थी टारगेट
रेकी के बाद बुजुर्ग महिलाओं को टारगेट कर सस्ते किराए पर सौदा तय कर ऑटोरिक्शा में बैठा लेता था। फिर करीब 200-300 मीटर दूरी पर गैंग के अन्य बदमाश भी ऑटोरिक्शा को रुकवाकर बैठ जाते थे। टायर में हवा कम होने का बहाना बनाकर ऑटो चला रहा
गोविंद पास में बैठे साथी को पीछे सीट पर भेज देता था। फिर ध्यान भटकाकर सोने के गहने और कीमती सामान पार कर लेते थे। वारदात को अंजाम देने के बाद इशारा मिलते ही ड्राइवर अपने साथियों को 10 मिनट में छोड़कर आने की कहकर बुजुर्ग को सड़क पर उतार कर फरार हो जाता था।
जयपुर में वारदात कर दिल्ली भाग गए थे
जयपुर में 30 जून को वारदात को अंजाम देने के बाद मास्टर माइंड गोविंद ने अपना हुलिया बदल लिया था। सिर मुंडवा लिया था और मूंछ कटवा दी थी। दोनों आरोपी करीब 11 साल से जयपुर और दिल्ली में ऑटोरिक्शा किराए पर लेकर सवारियों को लूट रहे थे।
जयपुर में एक ही दिन में दो महिलाओं से गोल्ड लूट की वारदात को अंजाम देने के बाद ऑटोरिक्शा को रेलवे स्टेशन की पार्किंग में खड़ा कर दिल्ली भाग गए थे। पुलिस अन्य बदमाशों को पकड़ने के लिए दबिश दे रही है।
अय्याशी और सट्टे की लत में बने क्रिमिनल
गैंग का मास्टरमाइंड गोविंद को अय्याशी और सट्टे की लत है। इसी कारण उसके परिवार ने भी उसे घर से निकाल दिया। मास्टरमाइंड दिल्ली और जयपुर में रहने लगा।
साल 2014 में जयपुर के गलता गेट इलाके में रहने के दौरान उसकी पत्नी की मौत हो गई थी। दूसरी शादी कर वह दिल्ली चला गया था। ऐश-आराम की जिंदगी जीने के लिए दिल्ली में गैंग बनाकर ऑटोरिक्शा में सवारियों से वारदातों को अंजाम देने लगा। पिछले करीब 11 साल से दिल्ली में आरोपी गोविंद इस तरह की ही वारदातों को अंजाम दे रहा है।
