राजसमंद-भीलवाड़ा सीमा पर स्थित फुखीया चंद्रभागा बांध में चंद्रभागा नदी का पानी पहुंच गया। पानी पहुंचते ही फुखीया, झोर, नेगड़िया खेड़ा, गोवलिया सहित आसपास के गांवों से सैकड़ों ग्रामीण ढोल-नगाड़ों और पूजा सामग्री के साथ बांध पर पहुंचे।
देवी-देवताओं के गीत गाए
ग्रामीण महिला-पुरुषों ने जल देवता की पूजा-अर्चना की और जयकारों के बीच देवी-देवताओं के गीत गाए। करीब 18 साल बाद बांध में पानी आने से ग्रामीणों में उत्साह देखने को मिला। यह बांध राजसमंद जिले का दूसरा बड़ा मिट्टी का बांध है, जो 7 किमी की परिधि में फैला है ओर 15 फीट के करीब गेज है।
बांध की पाल कमजोर होने का आरोप लगाया
ग्रामीणों ने बताया कि लंबे समय से बांध की पाल पर ध्यान नहीं दिया गया है। चूहों के बिलों और अंग्रेजी बबूल के कारण पाल कमजोर हो गई है। ग्रामीणों को बांध टूटने का डर भी सता रहा है। उन्होंने जनप्रतिनिधियों से बांध की पाल पर तुरंत मिट्टी डलवाने और मरम्मत की मांग उठाई है। ये बांध पहले राजसमंद जिले में आता था लेकिन कुछ सालों पूर्व ये बांध भीलवाड़ा जिले में चला गया जबकि पानी भराव क्षेत्र राजसमंद जिले में है।
दो जिलों की सीमाओं में बटने के कारण लम्बे समय से इस ओर किसी ने ध्यान नही दिया। फुखीया चंद्रभागा बांध से आसपास के 50 से अधिक गांवों में किसानों के कुओं में पानी का जल स्तर बढ़ता है। जिससे किसान को फसल के लिए पानी सिंचाई का पानी मिलता है।
