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मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने ली महाराणा प्रताप एवं ट्राइबल टूरिस्ट सर्किट की समीक्षा बैठक

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के गौरवशाली इतिहास,प्राचीन धरोहर तथा जनजातीय संस्कृति को संरक्षित और संवर्धित करने के लिए कृतसंकल्पित है।साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि नई पीढ़ी को वीर योद्धा महाराणा प्रताप के जीवन से परिचित कराने तथा उनके शौर्य की गाथा जन-जन तक पहुंचाने के लिए हम महाराणा प्रताप टूरिस्ट सर्किट विकसित कर रहे हैं।इस सर्किट में महाराणा प्रताप के जीवन से जुड़े विभिन्न स्थलों जैसे, चावंड,हल्दीघाटी,गोगुंदा,कुंभलगढ़, दिवेर,उदयपुर आदि को सम्मिलित किया जाएगा।जिसके लिए 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।इसके साथ ही जनजातीय संस्कृति के संरक्षण के लिए ट्राइबल टूरिस्ट सर्किट भी 100 करोड़ की लागत से विकसित किया जाएगा।इससे राज्य के पर्यटन क्षेत्र को नई ऊंचाई मिलेगी तथा स्थानीय स्तर पर रोजगार का सृजन होगा।

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा मंगलवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में महाराणा प्रताप टूरिस्ट सर्किट तथा ट्राइबल टूरिस्ट सर्किट के संबंध में आयोजित समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे।इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि महाराणा प्रताप के जीवन से हमें हमारी संप्रभुता और स्वतंत्रता की रक्षा के साथ ही स्वाभिमानपूर्ण जीवन जीने की प्रेरणा मिलती है।हम महाराणा प्रताप टूरिस्ट सर्किट के माध्यम से उनके संदेश को विश्वभर में पहुंचाना चाहते हैं। जिससे इन स्थलों पर आने वाले देशी-विदेशी पर्यटक उनकी वीरता की महान गाथा से परिचित हो सकेंगे।

हल्दीघाटी में बनेगा चेतक का भव्य स्मारक

मुख्यमंत्री ने कहा कि हल्दीघाटी में महाराणा प्रताप के स्वामीभक्त घोड़े चेतक का ऐतिहासिक एवं विशाल स्मारक बनाया जाए।साथ ही हल्दीघाटी के युद्ध का जीवंत चित्रण पर्यटकों को दिखाने के लिए थ्रीडी तकनीक,लाइट एण्ड साउण्ड शो जैसी आधुनिक तकनीक का प्रयोग किया जाए।साथ ही मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि चावंड में महाराणा प्रताप का समाधि स्थल है।शर्मा ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि उनके समाधि स्थल को भव्य रूप में विकसित किया जाए,साथ ही, दिवेर की ऐतिहासिक विजय के प्रतीक के रूप में विजय स्तंभ भी विकसित किया जाए।जिससे यह ऐतिहासिक विजय पर्यटकों की स्मृति में चिरस्थाई बन सके।

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने दिवेर, गोगुंदा तथा चित्तौड़गढ़ में भी प्रताप के जीवन से जुड़े स्थानों पर विभिन्न स्मृति चिन्ह तथा स्मारक आदि विकसित करने के निर्देश दिए।

जनजातीय इतिहास और संस्कृति को किया जाएगा संरक्षित

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि राजस्थान के इतिहास में जनजातीय समुदाय का योगदान बहुत महत्वपूर्ण है। हम जनजातीय संस्कृति तथा वैभव को संरक्षित करने के लिए लगातार कार्य कर रहे हैं।उन्होंने कहा कि सीतामाता अभयारण्य,ऋषभदेव,गौतमेश्वर मंदिर, मातृ कुण्डिया सहित विभिन्न पर्यटक स्थलों को शामिल करते हुए 100 करोड़ रुपये व्यय कर ट्राइबल टूरिस्ट सर्किट विकसित किया जा रहा है।इसके अंतर्गत बेणेश्वर धाम तथा मानगढ़ धाम का भी विकास किया जाएगा।मुख्यमंत्री ने कहा कि बेणेश्वर धाम में सोम,माही और जाखम नदी के संगम पर विशास आदिवासी मेला आयोजित होता है,जिसमें बड़ी संख्या में आदिवासी समुदाय के लोग शामिल होते हैं।सरकार यहां स्थिति घाटों को नया स्वरूप देकर सुविधाएं विकसित करेगी।इसके साथ ही, बजट घोषणा के अनुरूप जनजातीय नायकों को सम्मान देने के लिए डूंगरपुर में डूंगर बरंडा तथा बांसवाड़ा में बांसिया चारपोटा के स्मारक भी बनाए जाएंगे।

इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी,राजस्थान धरोहर प्राधिकरण के अध्यक्ष ओंकार सिंह लखावत सहित पर्यटन,कला एवं संस्कृति तथा वित्त विभाग के उच्चाधिकारी मौजूद रहे।

Kashish Bohra
Author: Kashish Bohra

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