जयपुर के बिड़ला ऑडिटोरियम में सीएम भजनलाल शर्मा ने ‘धर्मांतरण विरोधी कानून’ का विरोध पर कांग्रेस पर जमकर प्रहार किया। उन्होंने कहा- लव जिहाद और जबरन धर्मांतरण प्रदेश के लिए बड़ी समस्या बनता जा रहा था। अब विधानसभा में’धर्मांतरण विरोधी कानून’ पारित हो गया है।
जब मैं विधानसभा पहुंचा, तब अपने साथियों से कहा था कि ये लोग (कांग्रेस) विरोध जरूर करेंगे। क्योंकि इनका जीवन तुष्टीकरण में गया है। मुझे पता था ये वो लोग है, जो बिना राज के रह नहीं सकते।
भ्रष्टाचार और तुष्टीकरण इनके जेहन में समां गया है। ये तुष्टीकरण से देश को चलाना चाहते हैं। कांग्रेस की तुष्टीकरण की नीतियों के कारण प्रदेश में अवैध धर्मांतरण करने वाले गिरोह सक्रिय थे। इस कानून के बनने से उनकी गतिविधियों पर रोक लगेगी। सीएम राष्ट्रीय सहकार सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में बोल रहे थे।
कांग्रेस राज में लव जिहाद बड़ी समस्या था सीएम ने कहा- कठोर कानून बनाकर हमने स्पष्ट संदेश दे दिया है कि ऐसी मानसिकता को अब किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कुछ लोग आदिवासी भाई-बहनों को बहला-फुसलाकर धर्मांतरण की कोशिश कर रहे थे। पिछली सरकार में मेवात इलाके में लव जिहाद एक बड़ी समस्या बन गया था लेकिन हमारी सरकार में यह सब नहीं चलेगा।
कांग्रेस के लोगों को कहना चाहता हूं कि यह चलने वाला नहीं है। जो लोग भी इस तरीके की गतिविधियों में शामिल है, उन्हें स्पष्ट कर देना चाहता हूं की या तो वह अपनी हरकत से बाज आए वरना जेल की सलाखें उनका इंतजार कर रही हैं, वो तैयार रहे।
सीएम ने कहा- कांग्रेस अपनी तुष्टिकरण की राजनीति से अभी बाहर नहीं आई है। इस कानून का विरोध कर कांग्रेस ने फिर से साबित कर दिया कि वह लव जिहाद और जबरन धर्मांतरण करने वालों के साथ खड़ी है। कांग्रेस की इस हरकत को प्रदेश की जनता ने देखा है। मैं कांग्रेस के लोगों को कहना चाहता हूं कि आप पूरी तरह से निश्चिंत रहिए, समाज के विरोध में होने वाला एक भी काम नहीं होगा। अगर हिंदू धर्म के विरोध में काम हुआ तो, वही होगा जो मैंने कहा है।
पर्यटन और सांस्कृतिक दृष्टि से राजस्थान मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सम्मेलन में मौजूद प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए कहा कि सहकारिता परिवार से जुड़कर वे स्वयं को इसका सदस्य मानते हैं। उन्होंने कहा कि देश के अलग-अलग राज्यों से आए प्रतिनिधि राजस्थान की धरा पर पधारे हैं। इसके लिए सभी का अभिनंदन है। मुख्यमंत्री ने पर्यटन और सांस्कृतिक दृष्टि से राजस्थान की विविधता का जिक्र करते हुए कहा कि राज्य धार्मिक संकट,किले-महल, अभयारण्यों और फिल्म लोकेशंस के लिए पूरे देश की झलक पेश करता है।

सहकारिता राष्ट्र निर्माण का आधार मुख्यमंत्री ने कहा- सहकारिता आंदोलन राष्ट्र निर्माण का मजबूत आधार है। बाबा साहब भीमराव अंबेडकर का भी मानना था कि अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक लाभ पहुंचाने का सबसे प्रभावी जरिया सहकारिता है। उन्होंने बताया कि देशभर में लगभग डेढ़ लाख अर्बन कोऑपरेटिव बैंकिंग कर्मियों के साथ करीब एक करोड़ लोग इस क्षेत्र से जुड़े हुए हैं। राजस्थान में 236 शाखाओं के माध्यम से सहकारी बैंक सक्रिय हैं और स्थानीय समुदाय की आवश्यकताओं को पूरा कर रहे हैं।
सहकारिता मंत्रालय के कामकाज पर बोले सीएम मुख्यमंत्री ने कहा- 6 जुलाई 2021 को केंद्र सरकार ने सहकारिता मंत्रालय की स्थापना की थी। अमित शाह के नेतृत्व में मंत्रालय ने चार साल में सहकारी समितियों, मत्स्य सहकारी संस्थाओं, चीनी सहकारी संस्थाओं और गवर्नेंस को सशक्त बनाने के लिए 100 से ज्यादा पहल की हैं। हाल में पहली बार राष्ट्रीय कोऑपरेटिव पॉलिसी देश को समर्पित की गई है। उनका कहना था कि जब नीति और नीयत स्पष्ट हो तो असंभव लगने वाले कार्य भी संभव हो जाते हैं।
कांग्रेस सरकार पर साधा निशाना मुख्यमंत्री ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर सहकारिता की उपेक्षा का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि उस समय किसानों को समय पर पैसा नहीं मिलता था, अनाज का उचित दाम नहीं दिया जाता था और भ्रष्टाचार का माहौल था। इसके विपरीत वर्तमान सरकार ने पारदर्शिता और शिकायत निवारण की व्यवस्था लागू की है तथा भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है
सहकारिता योजनाओं का किया जिक्र मुख्यमंत्री ने बताया- राजस्थान सरकार ने सहकारी गोपालक क्रेडिट कार्ड ऋण योजना लागू की है, जिसके तहत पात्र गोपालकों को तीन लाख से 75 लाख रुपए तक का ऋण स्वीकृत किया गया है। भूमि सुधार के लिए किसानों को दिए गए दीर्घकालीन ऋणों पर सात प्रतिशत ब्याज अनुदान और गैर कृषि ऋणों पर पांच प्रतिशत अनुदान दिया गया है। अब तक 83 करोड़ रुपए की राशि किसानों को दी जा चुकी है। इसके साथ ही सहकारी बैंकों के माध्यम से 42,394 करोड़ रुपए का ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराया गया है।
हर पंचायत में खुलेगी सहकारिता बैंक की शाखा
सहकारी योजनाओं से ग्रामीण स्तर पर नए अवसर पैदा हो रहे हैं। उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि बाड़मेर-बालोतरा में किसानों द्वारा गुलाल उत्पादन को सरकार ने समर्थन दिया और इस गुलाल को खरीदकर देशभर में भेजा गया। इसी तरह दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए गोपालकों को प्रति लीटर दूध पर पांच रुपए का अनुदान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पशुपालन और डेयरी ग्रामीण महिलाओं की आजीविका और आत्मनिर्भरता का बड़ा साधन बन रहे हैं।
