लगातार हो रही बारिश के चलते शहर के कई इलाके प्रभावित हुए हैं। ऐसे में जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी के निर्देशों के अनुपालना में शुक्रवार को जिला प्रशासन की टीम ने वर्षा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर हालात का जायजा लिया। अधिकारियों ने निरीक्षण के दौरान जर्जर भवनों, जलभराव और अन्य बारिश जनित नुकसान की स्थिति का आकलन किया।
अतिरिक्त जिला कलक्टर उत्तर श्री मुकेश कुमार मूंड ने जोरावर सिंह गेट, चांदी की टकसाल, सुभाष चौक, खोले के हनुमान जी, जयसिंहपुरा खोर सहित अन्य इलाकों में स्थिति का जायजा लिया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने ने स्थानीय नागरिकों से बातचीत कर उनकी समस्याएं सुनीं और संबंधित विभागों को तत्काल राहत पहुंचाने के निर्देश दिए। डूब क्षेत्र में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने की अपील की गई है, साथ ही प्रशासन द्वारा अस्थायी राहत शिविरों की तैयारियों की समीक्षा भी की गई। उन्होंने कहा कि जनहित में प्रशासन सजग एवं सक्रिय है और आमजन से अपील करता है कि आवश्यकता पड़ने पर नजदीकी नियंत्रण कक्ष से संपर्क करें।
वहीं, अतिरिक्ति जिला कलक्टर जयपुर, दक्षिण श्री संतोष कुमार मीणा ने मालवीयनगर, सांगानेर, जगतपुरा इलाके में, उपखण्ड अधिकारी श्री राजेश जाखड़ ने विद्याधर नगर एवं मुरलीपुरा जोन के इलाकों, उपखण्ड अधिकारी श्री अरुण शर्मा ने मानसरोवर एवं झोटवाड़ा जोन, उपखण्ड अधिकारी श्री दीपक खटाना ने आदर्श नगर जोन एवं सिविल लाइंस जोन के इलाकों में वर्षा जनित स्थितियों का जायजा लिया। निरीक्षण के दौरान अधिकारियों के साथ संबंधित नगर निगम के उपायुक्त भी मौके पर मौजूद रहे।
अधिकारियों ने लो लाइन एरिया, जर्जर भवनों एवं जलभराव वाली बस्तियों का दौरा किया। अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि वर्षा के दौरान जल निकासी व्यवस्था को सुदृढ़ किया जाए तथा जहाँ आवश्यक हो वहाँ कीचड़ एवं जलभराव हटाने हेतु मड पंप तुरंत लगाए जाएँ। कमजोर एवं जर्जर भवनों की सूची तैयार कर वहां निवास कर रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर अस्थायी रूप से स्थानांतरित करने के निर्देश दिए गए हैं।
इसके अतिरिक्त, संभावित जोखिम वाले क्षेत्रों में मिट्टी के कट्टे (सैंडबैग) लगाए जाने के निर्देश दिए गए ताकि बारिश का पानी बस्तियों में प्रवेश न कर सके। नगर निकाय, पीएचईडी और आपदा प्रबंधन दल को आपसी समन्वय के साथ सतत निगरानी रखने एवं किसी भी आपात स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया देने को कहा गया है।
प्रशासनिक अधिकारियों ने निगम, पीडब्ल्यूडी और जलदाय विभाग सहित सभी संबंधित एजेंसियों को निर्देश दिए हैं कि वे समन्वय बनाकर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करें, ताकि नागरिकों को न्यूनतम असुविधा हो।
