एसओजी ने रीट 2018 और 2022 में फर्जी तरीके से नौकरी पाने के आरोप में 121 शिक्षकों के खिलाफ रविवार को मुकदमा दर्ज कर लिया। एसओजी ने यह कार्रवाई शिक्षा निदेशालय की रिपोर्ट पर की है। राज्य सरकार ने शिक्षा विभाग को पिछले 5 साल में हुई भर्तियों की जांच रिपोर्ट एसओजी को देने के निर्देश दिए थे।
प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय, बीकानेर ने जांच के लिए प्रत्येक संभाग पर 4 सदस्यीय कमेटियां बनाई थीं। जांच में खुलासा हुआ कि कई अभ्यर्थियों की जगह परीक्षा में बैठने वाले और नौकरी करने वाले व्यक्ति अलग-अलग हैं। कुछ मामलों में फोटो और हस्ताक्षर मेल नहीं खाते। डिग्री और रीट प्रमाण पत्र भी संदिग्ध पाए गए।
फिलहाल, विभाग ने 2 जांच रिपोर्ट एसओजी को भेज दी है। पहली एफआईआर में 49 और दूसरी में 72 शिक्षकों के खिलाफ एसओजी ने केस दर्ज किया है। इनमें जालोर जिले में कार्यरत 114 शिक्षक हैं। उदयपुर जिले के 4, पाली के 2 और जयपुर का 1 शिक्षक है। इधर, एसओजी का दावा है कि जयपुर के शिक्षा संकुल से ही पेपर लीक हुआ था और इसे एक करोड़ रुपए में बेचा गया।
आरबीएसई अध्यक्ष बर्खास्त हुए थे
गौरतलब है कि शिक्षक भर्ती में हुई धांधली के आरोपों पर सरकार ने राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डीपी जारोली को बर्खास्त कर दिया था। इनके अलावा बोर्ड सचिव को निलंबित किया गया था। विपक्ष ने पूरे मामले की सीबीआई जांच की मांग की थी। कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा का कहना है कि रीट में हुई धांधली का जब खुलासा हुआ था तब रीट लेवल-2 को रद्द किया गया था। अभी और विस्तृत जांच हो तो कई लोग और पकड़े जाएंगे। पूर्व सरकार की सभी परीक्षाओं में फर्जीवाड़ा हुआ है।
अब तक की जांच में 297 नियुक्तियां संदेह के दायरे में
- शिक्षा विभाग की जांच में 297 शिक्षकों की नियुक्तियां संदिग्ध पाई गई हैं। इनमें शिक्षक, पीटीआई, लाइब्रेरी सहायक और अन्य शामिल हैं। अब तक मामले में 4 एफआईआर दर्ज कराई जा चुकी है।
- ईडी ने पेपर लीक से जुड़े मनी लॉन्डरिंग केस में जयपुर स्थित निजी स्कूल संचालक राम कृपाल मीणा को गिरफ्तार किया था। राम कृपाल पर 1.03 करोड़ रुपए में पेपर खरीद कर बेचने के आरोप हैं।
आरोपियों की सूची विभाग को भेजी, निलंबन जल्द होगा
11 फरवरी, 2018 को रीट लेवल 1 और 2 में पेपरलीक के आरोप लगे थे। पेपर लीक होने के कारण रीट 2021 रद्द कर दी गई थी। तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने 2022 में रीट का आयोजन किया था। एसओजी का दावा है कि 2018 और 2022 में पेपर लीक सहित कई धांधली हुई। अब 123 शिक्षकों के खिलाफ संदिग्ध तरीकों से नौकरी हासिल करने के मामले में मुकदमा दर्ज किया है। सूची शिक्षा विभाग को भेज दी गई है।
एसआई भर्ती : कई मंत्रियों का पीएसओ रह चुका राजकुमार
एसआई भर्ती पेपर लीक में गिरफ्तार हेड कांस्टेबल राजकुमार यादव 31 साल की नौकरी में अधिकतर समय मंत्रियों के साथ ही रहा। वर्ष 1993 में अजमेर में कांस्टेबल बना था। 1999 में जयपुर आया। वर्ष 2008 से 2013 तक तत्कालीन मंत्री महेंद्रजीत मालवीय का पीएसओ रहा। 2016 से 2023 तक तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री आवास में वॉचर्स के रूप में ड्यूटी दी। दूसरी ओर, एक अन्य आरोपी एसआई रविंद्र सिंह की गिरफ्तारी के लिए टीम छापेमारी कर रही है।
चयन बोर्ड : ‘फर्जी तलाक’ लेकर नौकरी लेने की 12 शिकायतें मिलीं, एसओजी को जांच के आदेश
फर्जी डिग्री, फर्जी दिव्यांगता प्रमाण पत्र और फर्जी खेल प्रमाण पत्रों पर नौकरी पाने वाले पहले से ही कर्मचारी चयन बोर्ड के निशाने पर हैं। अब फर्जी तलाक के आधार पर नौकरी पाने वालों की जांच एसओजी से कराने का फैसला किया गया है। फर्जी तलाक के आधार पर नौकरी लेने की 12 शिकायतें आई हैं।
बोर्ड के अध्यक्ष आलोक राज का कहना है कि गलत तरीके से नौकरी लेने वाली महिलाओं पर कार्रवाई की जा रही है। हमारे पास अभी तक 12 शिकायतें आई हैं। फिलहाल, एसओजी और एक्सपर्ट से जांच कराई जा रही है। जांच में फर्जीवाड़ा मिला तो अभ्यर्थियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
- राजस्थान सरकार की सरकारी नौकरियों में तलाकशुदा महिलाओं के लिए कोटा तय होता है। इसकी कटऑफ अन्य श्रेणियां के मुकाबले काफी कम रहती है। यही कारण है कि कई महिलाएं सिर्फ कागजों में तलाक ले लेती है और नौकरी प्राप्त कर लेती हैं।
