NCR में शामिल अलवरवाले लोग सबसे अधिक आवारा कुत्तों के शिकार होते हैं। औसतन हर महीने में 1500 से अधिक लोगों पर कुत्तों के हमले हो जाते हैं जो जिला अस्पताल पहुंचते हैं। अन्य छोटे-मोटे अस्पतालों के डॉग बाइट के केस शामिल करेंगे तो संख्या 2 से 3 हजार को पार कर जाती है। जब दिल्ली में डॉग बाइट के केस बढ़े तो सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को 8 सप्ताह में आवारा कुत्तों को शेल्टर होम भेजने के आदेश दिए। इधर जोधपुर हाईकोर्ट ने डॉग बाइट अवारा कुत्ते व लावारिश पशुओं को लेकर सख्ती की है। इतना तक कहा कि आवारा कुत्तों को बचाने वालों पर मुकदमें दर्ज हों। ताकि सावर्जनक जगहों पर ही डॉग लवर पहुंचकर उनकी सेवा करें। न कि सार्वजनिक जगहों पर। इन दोनों आदेश के बाद अलवर जिला अस्पताल पहुंचे तो चौकाने वाले डॉग बाइट के केस सामने आए। पता चला कि अकेले अलवर जिला अस्पताल में जनवरी के महीने में कुत्ते के काटने वाले केस 1500 से 2000 के आसपास पहुंच जाते हैं। सबसे अधिक जनवरी, फरवरी व मार्च में ही डॉग बाइट के केस आते हैं।

अलवर के कुत्ते के काटने के केस कब कितने आए
जनवरी – 1506
फरवरी – 1260
मार्च – 1225
अप्रेल – 1127
मई – 965
जून – 854
जुलाई- 1056
थर्ड कैटगेरी के केस भी अधिक, किस महीने में कितने
जनवरी – 379
फरवरी – 209
मार्च – 266
अप्रेल – 161
मई – 184
जून – 201
जूलाई – 185
हर महीने 2500 से अधिक इंजेक्शन लग रहे
अलवर जिला अस्पताल में जनवरी, फरवरी व मार्च के महीने में सबसे अधिक कुत्ते के काटने के केस आते हैं। इन महीनों में केस 1500 से अधिक आते हैं। वैसे औसतन जिला अस्पातल में हर महीने 2700 इंजेक्शन लगते हैं। एआरवी के 500 से 600 वॉयल आती हैं। एक वॉयल में 5 इंजेक्शन होते हैं।
