बीजेपी नेता राजेन्द्र राठौड़ ने आज पंचायत-निकाय चुनाव, छात्रसंघ चुनाव, बेरोजगारी और पेपर लीक को लेकर पिछली गहलोत सरकार पर आरोप लगाए। राठौड़ ने कहा गहलोत राज में अच्छी तरह से देखने वालों ने अंधा बनकर, अच्छे से सुनने वालों ने बहरा बनकर और धारा प्रवाह बोलने वालों ने गूंगा बनकर नौकरी पाई।
उन्होंने कहा, हद तो तब हो गई जब मूक बधिर बनकर गहलोत साहब के खुद के कार्यालय में काम करने वाले उन्हीं के जिले के एक व्यक्ति ने नौकरी पाई। कांग्रेस के समय में उसे पदोन्नति भी मिल गई। गहलोत साहब का पीएसओ पेपर लीक के मामले में पकड़ा जाता है, इससे बड़ा दुर्भाग्य कुछ हो नहीं सकता है।
राठौड़ ने कहा कि गहलोत राज में दिव्यांग सर्टिफिकेट से नौकरी पाने वाले 43 में से 37 अभ्यर्थी अयोग्य पाए गए हैं। वहीं 53 के खिलाफ अभी जांच चल रही है। दूसरी ओर 20 महीने में भजनलाल सरकार ने भर्ती परीक्षाओं में पारदर्शिता रखते हुए 280 से ज्यादा परीक्षाओं का सफल आयोजन करवाया। राठौड़ आज प्रदेश बीजेपी कार्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे।

गहलोत राज में 23 महीनों में पंचायत चुनाव हुए राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि आज जो लोग संविधान की दुहाई देकर पंचायत चुनाव कराने की बात कह रहे हैं। उनके राज में 23 महीनों में अलग-अलग चरणों में पंचायत चुनाव हुए। अशोक गहलोत पहले जनप्रतिनिधियों की बाड़ेबंदी करते और जब उन्हें सुनिश्चित हो जाता कि कांग्रेस की जीत हो जाएगी, तब वे पंचायत चुनाव करवाते थे।
उन्होंने अपनी सुविधा के अनुसार 18 जनवरी 2020 से दिसंबर 2021 के बीच अलग-अलग चरणों में पंचायत चुनाव करवाए।
गहलोत सरकार में 5.50 लाख स्मार्ट मीटर लगे राठौड़ ने कहा कि गहलोत साहब स्मार्ट मीटर लगाने का विरोध कर रहे हैं, जबकि गहलोत सरकार के समय ही राजस्थान डिस्कॉम द्वारा प्रदेशभर में 5.50 लाख से ज्यादा स्मार्ट मीटर लगा दिए गए थे। मैं प्रताप सिंह खाचरियावास से पूछना चाहता हूं कि आज स्मार्ट मीटर का विरोध करने वाले उस समय गहलोत का विरोध क्यों नहीं कर पाए।
गहलोत ने अजमेर और जोधपुर डिस्कॉम में 2019 में ही स्मार्ट मीटरिंग करने के लिए कार्यादेश जारी कर दिए थे। गहलोत सरकार के कुप्रबंधन के चलते 2018-23 में डिस्कॉम पर 88 हजार करोड़ से ज्यादा का कर्जा हो गया था।
जबकि भजनलाल सरकार ने फरवरी 2024 से तकनीकी एवं वित्तीय निविदाएं खोलकर कार्य आदेश जारी किए और अप्रैल 2025 से स्मार्ट मीटर लगाना शुरू किया। अब तक प्रदेश में जयपुर, अजमेर और जोधपुर डिस्कॉम में करीब 3 लाख 48 हजार से ज्यादा स्मार्ट मीटर इंस्टॉल किए गए हैं।
