नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट (NFSA) और उज्जवला कनेक्शधारियों को भविष्य में ओटीपी बताने पर ही रसोई गैस सिलेंडर दिए जाएंगे। राज्य सरकार ने तेल कंपनियों (आईओसीएल, बीपीसीएल और एचपीसीएल) को एक पत्र लिखकर इन उपभोक्ताओं को रिफिल की डिलीवरी ओटीपी के जरिए ही करने के लिए कहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि सरकार इन उपभोक्ताओं पर हर माह करोड़ों रुपए की सब्सिडी राशि वहन कर रही है।
डिपार्टमेंट के एडिशन कमिश्नर की ओर से लिखे पत्र में बताया- सरकार NFSA कनेक्शनधारियों को 450 रुपए प्रति सिलेंडर सब्सिडी देती है। राज्य में करीब 70 लाख लाभार्थी परिवार हैं। इनको ये सब्सिडी दी जा रही है। इसके अलावा केन्द्र सरकार उज्जवला कनेक्शधारियों को 300 रुपए सब्सिडी देती है। ये सब्सिडी डीबीटी के जरिए इन कनेक्शधारियों को ट्रांसफर की जाती है।
ऐसे में ये सुनिश्चित हो सके कि बुकिंग की गई रिफिल (सब्सिडी वाला सिलेंडर) लाभार्थी ने ही किया है। वह रिफिल उसे ही मिल रही है। इसके लिए इन उपभोक्ताओं को डिलीवरी देते समय ओटीपी नंबर लिए जाए।
इसलिए जारी किए निर्देश फूड सप्लाई डिपार्टमेंट के सूत्रों के मुताबिक इन लाभार्थियों (NFSA और उज्जवला कनेक्शधारियों) को सरकार हर साल 12 सिलेंडर उपलब्ध करवा रही है। जब से इन कनेक्शनधारियों को सब्सिडी मिलनी शुरू हुई है, ये हर महीने रिफिल उठा रहे है। जबकि सब्सिडी से पहले हर लाभार्थी की सालाना औसत रिफिल 6 से 9 के बीच रहती थी।
ऐसे में आशंका है कि इन लाभार्थियों के नाम पर दूसरे लोग या गैस एजेंसी संचालक ही रिफिल बुक करवा रहे हैं। उस रिफिल को बाजार में ब्लैक कर रहे है। इससे राज्य सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है। क्योंकि रिफिल बुकिंग के बाद सरकार को सब्सिडी ट्रांसफर करनी पड़ रही है। जबकि सिलेंडर लाभार्थी को मिलने के बजाए बाजार में ब्लैक किया जा रहा है।
