जयपुर एसीबी ने रिश्वत लेते को-ऑपरेटिव इंस्पेक्टर को गुरुवार शाम गिरफ्तार किया गया। एसीबी टीम ने आरोपी इंस्पेक्टर को 2.75 लाख रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा है। घूसखोर इंस्पेक्टर पकड़े जाने से बचने के लिए रिश्वत की रकम लेने से पहले 10 KM गलियों में परिवादी को घुमाता रहा। एसीबी टीमों की ओर से उसके ऑफिस व घर के साथ ही अन्य ठिकानों पर सर्च किया जा रहा है।
एसीबी कार्यवाहक डीजी स्मिता श्रीवास्तव ने बताया- एसीबी टीम की ओर से रिश्वत लेते आरोपी को-ऑपरेटिव इंस्पेक्टर नारायण वर्मा को अरेस्ट किया गया है। परिवादी की ओर से एसीबी मुख्यालय में रिपोर्ट दर्ज करवाई गई। शिकायत में बताया- दो आवासीय प्लॉट (श्रीनाथ एनक्लेव सैकण्ड ग्राम हरगुन की नांगल उर्फ चारणवाला डिग्गी रोड सांगानेर जयपुर) हरिनगर गृह निर्माण सहकारी समितियों जयपुर की ओर से बनाए गए थे। विवादित होने से स्टे प्राप्त करने की एवज में प्रति प्लॉट 2 लाख रुपए (कुल 4 नाख रुपए) को-ऑपरेटिव सिटी के लिए और 1 लाख रुपए स्वयं के लिए रिश्वत की मांग कर परेशान किया जा रहा था।
10 किलोमीटर गलियों में घुमाता रहा
सोसायटी के पट्टों पर स्टे दिलाने के एवज में घूस की लगातार डिमांड की जा रही है। को-ऑपरेटिव इंस्पेक्टर नारायण की ओर से 74 हजार रुपए लिए जा चुके हैं। घूस के 2.75 लाख रुपए की लगातार डिमांड कर परेशान किया जा रहा है। एसीबी टीम ने परिवादी की शिकायत पर ट्रेप का आयोजन किया। एसीबी टीम की ओर से को-ऑपरेटिव इंस्पेक्टर नारायण वर्मा को रिश्वत लेते दबोचने के लिए चक्रव्यूह रचा। परिवादी को रिश्वत की रकम लेकर स्वेज फार्म रामनगर बुलाया। रिश्वत राशि लेने के दौरान परिवादी को ज्योति राव फुले सर्किल, स्वेज फॉर्म के पास करीब 10 किलोमीटर गलियों में घुमाता रहा।
उसके बाद स्वेज फॉर्म से गुर्जर की थड़ी की ओर जाने वाले रास्ते में स्कूटी रोककर 2.75 लाख रुपए की रिश्वत लेते एसीबी टीम ने धर-दबोचा। उप रजिस्ट्रार शहर सहकारी समितियों मिनी सचिवालय के निरीक्षक नारायण वर्मा से अन्य की भूमिका के संबंध में पूछताछ की जा रही है।
