मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने संस्कृत दिवस (श्रावण पूर्णिमा) के अवसर पर प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी हैं।
श्री शर्मा ने कहा कि संस्कृत विश्व की सबसे प्राचीन भाषा होने के साथ ही अनेक भाषाओं की जननी भी है। वेदों की ऋचाओं से लेकर पतंजलि योग-सूत्र तक समस्त प्राचीन ज्ञान संस्कृत की ही देन है। संस्कृत भारतीय संस्कृति और संस्कारों की अभिव्यक्ति है। इसीलिए कहा गया है ‘भारतस्य प्रतिष्ठे द्वे संस्कृतं संस्कृतिस्तथा’।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर प्रदेशवासियों को संस्कृत सम्भाषण के लिए प्रेरित करते हुए उनसे इस महान धरोहर के संरक्षण एवं संवर्धन का संकल्प लेने का आह्वान किया।
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Author: Kashish Bohra
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