जयपुर। कलमकार मंच और पिंकसिटी प्रेस क्लब के संयुक्त तत्वावधान आयोजित पुस्तक लोकार्पण समारोह में वरिष्ठ साहित्यकारों की मौजूदगी में पूनम माटिया (दिल्ली) के ग़ज़ल संग्रह ‘शजर पे चाँद उगाओ’,
भारत दोसी (बांसवाड़ा) के आलेख संग्रह ‘इसलिए वे राष्ट्रपिता हैं’, तारावती सैनी ‘नीरज’ (जयपुर) के कहानी संग्रह ‘महतारी’, प्रेम प्रकाश ‘मुर्तसिम’ (जयपुर) के काव्य संग्रह ‘ख़ून क्यों खौलता नहीं’, संतोष बंसल (दिल्ली) के यात्रा वृत्तांत ‘किस्से अजूबों के’ और धर्म नारायण शर्मा ‘धर्म’ के समग्र लेखन पर उनके पुत्र पीयूष शर्मा (जयपुर) द्वारा सम्पादित की गई पुस्तक ‘प्रतिबिम्ब’ का लोकार्पण किया गया।
इस अवसर पर वरिष्ठ साहित्यकार दुर्गाप्रसाद अग्रवाल ने कहा कि लेखन, चाहे वह किसी भी विधा का क्यों न हो, बहुत ज़िम्मेदारी भरा काम है और इसे पूरी गम्भीरता, निष्ठा और तैयारी से किया जाना चाहिए।लेखक का समग्र दायित्व अपने पाठक के प्रति होता है जो उसकी किताब खरीदता है और उसे पढ़ने के लिए अपना कीमती समय देता है। डॉ अग्रवाल ने कहा कि आज के दुष्प्रचार भरे समय में सही लेखन की ज़रूरत और ज़्यादा बढ़ गई है। उन्होंने पुस्तक संस्कृति के विकास के निमित्त लेखकों की सक्रियता का भी आह्वान किया। डॉ अग्रवाल ने लेखकों से कहा कि अगर कोई उनके लिखे की आलोचना करता है और उसमें कुछ कमियां दिखाता है तो वह उनका सच्चा मित्र है और लेखकों को उसकी प्रतिक्रियाओं पर गम्भीरता से विचार करना चाहिए। लेखकों को उनकी यह भी सलाह थी कि जितना वे लिखते हैं उससे कई गुना अधिक उन्हें पढ़ना चाहिए, तभी उनके लेखन में निखार आएगा।
वरिष्ठ साहित्यकार नंद भारद्वाज ने कहा कि वर्तमान में जिस तरह नफ़रत, हिंसा और अराजकता का माहौल बना हुआ है उससे मानवता का नुकसान हो रहा है, ऐसे में साहित्य ही है जिसने मानवता को बचा रखा है। वरिष्ठ व्यंग्यकार फारुक आफरीदी, वरिष्ठ पत्रकार विनोद भारद्वाज, आलोचक राजाराम भादू, कथाकार चरणसिंह पथिक ने भी अपने विचार व्यक्त किये।
कलमकार मंच के राष्ट्रीय संयोजक निशांत मिश्रा ने इस अवसर पर कहा कि साहित्य और पत्रकारिता एक दूसरे के पूरक हैं, लेकिन वर्तमान में युवा पत्रकारों का साहित्य के प्रति रूझान कम देखने को मिलता है। प्रेस क्लब के अध्यक्ष मुकेश मीणा ने आगन्तुकों का स्वागत करते हुए कहा कि क्लब में निरन्तर साहित्यिक गतिविधियां हों इसके प्रयास किये जा रहे हैं। महासचिव मुकेश चौधरी ने आगन्तुकों का आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम के दौरान प्रेमचंद गांधी, नवल पाण्डेय, महेश कुमार, भागचंद गुर्जर, लक्ष्मण सिंह और सोमाद्री शर्मा ने किताबों पर समीक्षात्मक टिप्पणी की। इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार दिनेश ठाकुर, राजेश शर्मा, आशा पटेल, ब्रजभूषण शर्मा, बसंत व्यास, एम.आई. ज़ाहिर, राजेश मिश्रा, राखी सोनी, दिनेश शर्मा अधिकारी, मनीष शर्मा, अक्षत मिश्रा, दीपा शर्मा सहित बड़ी संख्या में साहित्यकार, पत्रकार और साहित्यप्रेमी मौजूद थे।
