बारां में जिला कलेक्टर के निर्देश पर मंगलवार को कृषि विभाग और जिला प्रशासन की संयुक्त टीमों ने उर्वरक विक्रेताओं के प्रतिष्ठानों पर सघन निरीक्षण अभियान चलाया। इस कार्यवाही में एसडीओ, टीडीआर और कृषि विभाग के अधिकारी शामिल रहे।
जिले में उर्वरकों की कालाबाजारी, जमाखोरी और अधिक मूल्य वसूली की आशंका के कारण ब्लॉकवार निरीक्षण किया गया। अभियान के दौरान आदान विक्रेताओं के गोदामों में रखे यूरिया एवं डीएपी उर्वरकों के स्टॉक का पोश मशीन में दर्ज स्टॉक से मिलान किया गया। साथ ही स्टॉक रजिस्टर और बिल बुक का भी गहन परीक्षण किया गया।
निरीक्षण के दौरान कई विक्रेताओं के पास स्टॉक में अनियमितताएं पाई गईं। उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 के तहत कार्रवाई करते हुए कुल 39 प्रतिष्ठानों का निरीक्षण किया गया। इनमें से 7 विक्रेताओं को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए। 2 विक्रेताओं के अनुज्ञा पत्र (लाइसेंस) निलंबित कर दिए गए।
प्रशासन ने सभी विक्रेताओं को सख्त चेतावनी दी है। यदि भविष्य में यूरिया, डीएपी या किसी अन्य उर्वरक की कालाबाजारी, जमाखोरी या मूल्यवृद्धि की शिकायत मिलती है, तो उनके विरुद्ध आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
जिला प्रशासन ने किसानों से भी अपील की है कि वे किसी भी प्रकार की अनियमितता की सूचना तुरंत नजदीकी कृषि कार्यालय या प्रशासन को दें। इससे समय रहते उचित कार्रवाई की जा सकेगी।
