साइबर क्रिमिनल्स की ओर से निवेशकों को निशाना बनाने के नए-नए तरीके अपनाए जा रहे हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, फेक मोबाइल ऐप और गलत यूपीआई हैंडल्स का यूज करके ये जालसाज सेबी (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) के नाम पर फेक नोटिस व अच्छा रिटर्न का लालच दे रहे हैं।
इस खतरे को देखते हुए सेबी और राजस्थान पुलिस की साइबर क्राइम ब्रांच ने मिलकर एक महत्वपूर्ण एडवाइजरी जारी की है, जिसमें निवेशकों को साइबर फ्रॉड से बचने के लिए कई सुझाव दिए गए हैं।
कैसे पहचानें फर्जीवाड़ा?
सेबी के अनुसार- अगर आपको सेबी से कोई नोटिस या दस्तावेज मिलता है तो उसे सीधे सच न मानें। उसकी प्रामाणिकता की जांच करना बेहद जरूरी है। इसके कुछ आसान तरीके हैं-
रिकवरी सर्टिफिकेट की जांच – सेबी की ओर से जारी किए गए हर “रिकवरी सर्टिफिकेट” को आप उनकी वेबसाइट पर “Home > Enforcement > Recovery Proceedings” सेक्शन में जाकर सत्यापित कर सकते हैं।
UDIN नंबर से पुष्टि – सेबी के हर आदेश में एक अद्वितीय दस्तावेज़ पहचान संख्या (UDIN) होती है। इसकी पुष्टि आप सेबी की वेबसाइट पर “Home > Authenticate Document Number Issued by SEBI” में जाकर कर सकते हैं।
अधिकारियों के ईमेल और संपर्क – सेबी के अधिकारियों के आधिकारिक ईमेल पते हमेशा @sebi.gov.in पर समाप्त होते हैं। आप सेबी की वेबसाइट पर “Home > About > SEBI Directory” में जाकर उनके नाम, ईमेल आईडी और फोन नंबर की जांच कर सकते हैं।
सुरक्षित UPI हैंडल – निवेश के लिए केवल रजिस्टर्ड बैंकों से जुड़े यूपीआई हैंडल, जैसे @valid(bank-name), का ही उपयोग करें।
व्हाइट लिस्टेड ऐप्स – केवल उन्हीं ब्रोकर ऐप्स का उपयोग करें जो सेबी की ओर से स्टॉक एक्सचेंज पर प्रकाशित “Whitelisted Broker Apps” की सूची में शामिल हैं।
सोशल मीडिया पर सावधानी – सेबी केवल अपने रजिस्टर्ड “X” हैंडल पर ही आधिकारिक जानकारी और सलाह देता है। अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर संदिग्ध विज्ञापनों से दूर रहें।
साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें
अगर आप किसी भी प्रकार की साइबर धोखाधड़ी का शिकार होते हैं तो तुरंत साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें या https://cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज कराएं। नजदीकी पुलिस स्टेशन या साइबर पुलिस स्टेशन में भी रिपोर्ट की जा सकती है। यह महत्वपूर्ण है कि आप अपनी सतर्कता से अपनी मेहनत की कमाई को सुरक्षित रखें।
