सुप्रीम कोर्ट ने यूट्यूबर एल्विश यादव को बुधवार को बड़ी राहत दी। एल्विश के खिलाफ चल रही सांप के जहर से जुड़ी आपराधिक कार्यवाही पर फिलहाल रोक लगा दी है। एल्विश ने इस मामले में चार्जशीट और मुकदमे की प्रक्रिया को चुनौती दी थी। सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार और शिकायतकर्ता को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है। अब अगली सुनवाई तक लोअर कोर्ट में मामले की सुनवाई नहीं होगी।
जानिए पूरा मामला

एल्विश बोले- निर्दोष हूं, झूठा फंसाया गया नोएडा पुलिस ने एल्विश यादव समेत कुछ लोगों पर सांप का जहर पार्टी में इस्तेमाल करने का आरोप लगाते हुए FIR दर्ज की थी। आरोप था कि उन्होंने एक पार्टी में अवैध तरीके से सांपों और जहर का इस्तेमाल किया था।
इस मामले में वन विभाग और पुलिस की जांच के बाद चार्जशीट दाखिल की गई। एल्विश ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि उनके खिलाफ गलत और बिना सबूत के आरोप लगाए गए हैं। वे निर्दोष हैं और उन्हें झूठा फंसाया गया है।
हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ एल्विश की अपील पर सुनवाई न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने एल्विश यादव की याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार और शिकायतकर्ता गौरव गुप्ता को नोटिस जारी किया। सुप्रीम कोर्ट इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश के खिलाफ एल्विश यादव की अपील पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी। चार्जशहट में विदेशियों समेत अन्य लोगों की तरफ से रेव पार्टियों में मनोरंजन के लिए सांप के जहर का सेवन करने का आरोप लगाया गया है।

3 महीने पहले हाईकोर्ट ने चार्जशीट रद्द करने की याचिका खारिज की थी एल्विश यादव को इलाहाबाद हाईकोर्ट से 3 महीने पहले बड़ा झटका लगा। कोर्ट ने रेव पार्टी में ड्रग्स-सांप के जहर के इस्तेमाल के मामले में चार्जशीट रद्द करने की याचिका खारिज कर दी। जस्टिस सौरभ श्रीवास्तव ने कहा- यादव के खिलाफ चार्जशीट और FIR में बयान हैं। ऐसे आरोपों की जांच मुकदमे के दौरान की जाएगी। एल्विश ने याचिका में FIR को चुनौती नहीं दी है।
पुलिस ने अप्रैल 2024 में 1200 पन्नों की चार्जशीट एल्विश के खिलाफ दाखिल की थी। इसमें एल्विश का सपेरों से संबंध होने का दावा किया था। चार्जशीट के खिलाफ एल्विश ने 29 अप्रैल 2025 को हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इसमें कहा था- मेरे पास से कोई सांप या मादक पदार्थ बरामद नहीं हुआ है। मेरा अन्य आरोपियों से कोई संबंध नहीं है। इसलिए चार्जशीट रद्द की जाए।
एल्विश के वकील ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में तर्क दिया था कि आवेदक और सह-आरोपी के बीच कोई कारणात्मक संबंध स्थापित नहीं होने के अलावा, उसके पास से कोई सांप, मादक या मनोविकारजनक पदार्थ बरामद नहीं हुआ था। हालांकि, सूचना देने वाला अब पशु कल्याण अधिकारी नहीं है, फिर भी उसने खुद को पशु कल्याण अधिकारी बताते हुए FIR दर्ज कराई थी।
एल्विश यादव को एक जाने-माने प्रभावशाली व्यक्ति और टेलीविजन पर कई रियलिटी शो में दिखाई देने वाला व्यक्ति बताते हुए वकील ने कहा था कि FIR में उनकी संलिप्तता ने मीडिया का बहुत ध्यान आकर्षित किया है।
सरकारी एडिशनल एडवोकेट जनरल मनीष गोयल ने कहा- जांच में सामने आया कि एल्विश ने उन लोगों को सांपों की आपूर्ति की थी, जिनसे बरामदगी की गई थी। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सौरभ श्रीवास्तव ने याचिका को खारिज कर दिया।

मार्च-2024 में नोएडा पुलिस ने एल्विश को अरेस्ट किया था अक्टूबर 2023 में BJP नेता मेनका गांधी की संस्था पीपल्स फॉर एनिमल्स की ओर से एल्विश की नोएडा पुलिस से शिकायत की गई थी। FIR में लिखा था कि एल्विश जिंदा सांपों के साथ दिल्ली NCR के फॉर्म हाउस में वीडियो शूट कराता है।
गैरकानूनी रूप से रेव पार्टियों में इन सापों और उनके जहर का इस्तेमाल होता है। रेव पार्टियों में विदेशी लड़कियों के शामिल होने की बात भी सामने आई। आरोप था कि इन पार्टियों में स्नेक वेनम और दूसरे ड्रग्स का सेवन किया जाता था। केस में गिरफ्तार आरोपी राहुल यादव का एक ऑडियो क्लिप भी सामने आई थी, जिसमें उसने PFA मेंबर को बताया था कि उसने एल्विश की पार्टी में ड्रग्स पहुंचाई थी।
पुलिस को राहुल के पास से 20ml जहर मिला था। सांपों को वन विभाग ने मेडिकल परीक्षण और FSL जांच के लिए भेजा था। इसमें खुलासा हुआ था कि 5 कोबरा की विष ग्रंथि निकाली गई थीं। 17 मार्च, 2024 को एल्विश यादव को नोएडा पुलिस ने गिरफ्तार किया था। वह पांच दिन तक जेल में रहे थे। बाद में गुरुग्राम कोर्ट से जमानत मिल गई थी।
